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उज्जैन में भीम आर्मी के आयोजन से हलचल….किसी को खबर नहीं…

संस्थापक चंद्रशेखर कह गए- ‘बाबा साहेब अम्बेडकर की औलादें डरने वाली नहीं है’

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:विधानसभा चुनाव निकट है और ऐसे देश की राजनीति में बहुचर्चित भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद सभा लेकर चले गए और किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई।

खामोशी के साथ विक्रम विवि परिसर में हुए आयोजन से सत्ता, संगठन और प्रशासन में हलचल मच गई है। सभा में आजाद द्वारा दिए गए संबोधन की एक छोटी सी वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। सभा के उद्देश्य और आयोजकों की जानकारी जुटाई जा रही है।

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विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सियासी सरगर्मियां तेज होने लगी है। भाजपा द्वारा जहां जनआर्शीवाद यात्रा निकाली जा रही है, तो कांग्रेस की जनआक्रोश यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। चुनाव पूर्व राजनैतिक के बीच अन्य संगठन भी अपना काम कर रहे है।

उज्जैन में दो दिन पहले भीम आर्मी की एक सभा हो गई और किसी को खबर तक नहीं हुई। प्रशासन का इंटेलीजेंस फेल हो गया और भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों को संबोधित करने के साथ मार्गदर्शन देकर चले भी गए। प्रदेश चुनावी मोड में आ चुका है। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद की सभा ने दूसरे दल के नेताओं को कुछ विचलित कर दिया है।

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गलत कोई करे, तो उसके साथ गलत करो

विक्रम विवि परिसर स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास के बाहर हुए आयोजन के वक्ता भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद के संबोधन की 30 सेकंड की छोटी सी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। (यह क्लिप अक्षरविश्व के पास उपलब्ध है।) इसमें चंद्रशेखर आजाद कह रहे है ‘गलत कोई करे, तो उसके साथ गलत करो, समझ आता है।

लेकिन अगर आप यह सोच बैठो कि बाबा साहेब अम्बेडकर की औलादे डर जाएगी। नहीं..नहीं..गलत बात है। जिनका इतिहास संघर्षों से ही लिखा हो, वे डरने वाली औलादे तो है नहीं।’ कार्यक्रम के आयोजन से मुखातिब होते हुए आजाद कह रहे है…’मैं जानता हूं इनको कितने फोन कॉल्स..जाने क्या, क्या कहा गया होगा…. ऐ सूनो तुम्हारी तरफ आंख भी उठी तो उज्जैन में कोई……..।’इसके बाद प्रशासन हरकत में आया है और पूरे कार्यक्रम की जानकारी निकालने में जुटा है।

समण महोत्सव 2023 

कार्यक्रम का आयोजन समण महोत्सव 2023 के तहत किया गया है। इस संबंध में बताया गया कि यह कार्यक्रम अलग-अलग महापुरुषों के वैज्ञानिक विचारों पर आधारित है।

यह कार्यक्रम वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार समाज में फैले अंधविश्वास, पांखड़, सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं के प्रति जागरूकता के लिए प्रतिबद्ध है।

इसलिए अधिक चिंता….

नवबंर में प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर सभा, प्रदर्शन, राजनीति और संगठन की सार्वजनिक गतिविधियों के लिए प्रशासन को सूचना देना अनिवार्य है। भीम आर्मी के आयोजन की जानकारी किसी को नहीं थी। इतना ही नहीं आयोजन विक्रम विवि परिसर स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास के पास हुआ। इसमें अधिकांश छात्र उच्चशिक्षा निवासरत है। ऐसे में यह सामने आया है कि शासकीय परिसर में इस तरह का आयोजन किसकी अनुमति से हुआ। आयोजन गैर राजनीतिक हो, लेकिन इसमें चर्चित दलित नेता चंद्रशेखर आजाद के शामिल होने से विवि प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।

कौन है चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर एक भारतीय दलित-बहुजन अधिकार कार्यकर्ता हैं। वह एक आंबेडकरवादी हैं जो भीम आर्मी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। चंद्रशेखर आजाद पिछले कुछ सालों में दलित और वंचित वर्ग की आवाज बनकर उभरे हैं। दलित और वंचित वर्ग की आवाज बुलंद करने के अलग अलग राज्यों में रैलियां निकाल कर राजनैतिक चेतना जगा रहे हैं। चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं।

चंद्रशेखर ने फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोडऩे का काम किया है। उनका कहना है कि ‘न्याय पाने के लिए सत्ता में भागीदारी होना जरूरी है।Ó मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव है। लिहाजा चंद्रशेखर आजाद के उज्जैन आकर दलित और वंचित वर्ग में जोश भरने के कदम से सत्ता,संगठन और प्रशासन में खासी हलचल मच गई है।

आयोजन के संबंध में सोशल मीडिया से जानकारी मिली है। इसकी कोई सूचना प्रशासन के पास नहीं थी।

अनुकूल जैन एडीएम उज्जैन।

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