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उज्जैन:कोरोना वैक्सीनेशन…शहर में एक ऐसा केंद्र जहां-अभी तक 10 हजार टीके लग चुके…

10 से 15 मार्च के बीच रोज 500 से अधिक टीके लग रहे थे

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उज्जैन। शहर में नागझिरी पुलिस लाइन स्थित पुलिस हॉस्पिटल को कोविड वैक्सीनेशन का सेंटर बनाया गया है। यहां पर उपस्थित स्टॉफ की सक्रियता, व्यवहार एवं व्यवस्थाओं के कारण हर कोई यहीं जाकर टीका लगवाना चाहता है। इस केंद्र की सबसे बड़ी उपलब्धी है कि यहां 30 अप्रेल तक 10 हजार टीके लगाए जा चुके हैं।

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सभी टीकों को लगाने का श्रेय यहां उपस्थित डॉ.आशीष सक्सेना और उनकी सहयोगी एएनएम रश्मि बड़ोदिया,निशा जाटवा तथा अनामिका सिंह को। यहां टीका लगवाकर निकलनेवाले किसी भी व्यक्ति यदि पूछा जाता है कि कैसा रहा अनुभव? जवाब आता है…टीका कब लगा,पता ही नहीं चला। स्टॉफ का हाथ बहुत अच्छा है। वहीं दूसरी बार टीका लगवाने आ रहे लोगों से चर्चा करने पर वे बताते हैं कि यहां भीड़ होने पर भी जल्दी निपट जाते हैं जबकि अन्य जगहों पर भीड़ कम होने पर भी घण्टो लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण यहां पदस्थ स्टॉफ की सक्रियता है।

चर्चा में डॉ.सक्सेना बताते हैं कि इस केंद्र पर संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसपी, एडीएम,एएसपी सहित सभी शासकीय अधिकारियों से लेकर पद्मश्री मूसलगांवकर तक टीका लगवा चुके हैं। यहां परिसर में टीकाकारण से पूर्व इंतजार हेतु एवं टीकाकरण के बाद आधा घण्टा आराम हेतु व्यवस्था की गई है। छाया के लिए लगे टेंट के नीचे कुर्सियां लगी है और पीने के लिए ठण्डा पानी।

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डॉ.सक्सेना अनुभव बताते हैं कि अनेक लोग ऐसे आए जिन्होने टीका लगवाने से पूर्व सारी जानकारी मांगी। मन के अंदर जो भय था,उसे जिज्ञासा के आधार पर शांत किया। जब वे संतुष्ट हो गए तो टीका लगवाया। अगले डोज के लिए आए तो मुस्कुराते हुए धन्यवाद भी दिया। ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें किसी की तबियत खराब हुई हो। हां, किसी को बुखार आया तो मोबाइल पर चर्चा की। उसे बताया गया कि पेरासिटामाल ले लो,ठीक हो जाएगा। यह खास बात है कि यहां पर आनेवाले लोगों ने कभी न तो व्यवस्था की शिकायत की ओर न ही कभी टीकाकरण को लेकर कोई टीका-टिप्पणी की। जिससे भी चर्चा की गई, उसने तारीफ ही की।

प्रतीक यादव जो कि एएसआई है, ने बताया कि यहां व्यवस्थाएं बहुत ही अच्छी है। खुला वातावरण एवं वैक्सीनेशन के पंजीयन से लेकर वैक्सीन लगाने तक में कुछ मिनिट लगे।

डॉ.संदीप नागर ने बताया कि अच्छी व्यवस्थाओं तथा टीका लगाने के तरीके को देखने के बाद उन्होने अपने सभी परिचितों को वहीं टीका लगवाने का सुझाव दिया,जिसे लोगों ने माना। मैरी पत्नि को भी यहीं टीका लगवाया गया।

कवि दिनेश दिग्गज के अनुसार टीकाकरण की व्यवस्था उन्होने जो यहां देखी,अन्य जगह देखने को नहीं मिली। इस जगह को आदर्श केंद्र के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए।

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