उज्जैन:मरीजों को उपचार के लिये स्ट्रेचर पर डालकर सीढिय़ों से दूसरी मंजिल ले जाने को मजबूर लोग

दो माह पहले लिफ्ट में फंसी थी महिला, तभी से कर दिया हमेशा के लिये बंद
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उज्जैन।रविवार को जीरोपाइंट ब्रिज स्थित पाटीदार अस्पताल में आग लगने के बाद जिला प्रशासन द्वारा प्रायवेट अस्पतालों की जांच के निर्देश दिये गये, लेकिन हालात यह हैं कि संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की सुध लेने वाला कोई नहीं। यहां महीनों से लिफ्ट बंद है इस कारण मरीजों को स्ट्रेचर पर डालकर चार लोगों को सीढिय़ों के रास्ते वार्डों तक ले जाना पड़ रहा है।
दो माह पहले जिला चिकित्सालय की लिफ्ट में एक महिला फंस गई थी। उन्हें इमरजेंसी रास्ते से बाहर निकाला गया था। तब अस्पताल के अधिकारियों ने लिफ्ट में सुधार कार्य करवाने की बात कहकर उस पर ताला लगा दिया था, लेकिन यह लिफ्ट आज तक बंद पड़ी है। जिला चिकित्सालय की दूसरी मंजिल पर बर्न वार्ड के अलावा घायलों के उपचार के लिये भी वार्ड बने हैं। वहां तक मरीजों को ले जाने के लिये मरीज के परिजनों को उसे स्ट्रेचर पर डालकर सीढिय़ों के रास्ते वार्ड तक जाना होता है। यदि किसी मरीज के साथ चार-पांच लोग नहीं हो तो मरीजों के अटेंडरों की मदद लेना पड़ती है।