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उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने लगाया जजिया कर…..

ऑन लाइन भस्मार्ती पंजीयन के साथ देना होंगे 200 रूपये

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वीआयपी से लेंगे केवल 100 रूपये

चौतरफा विरोध,जनप्रतिनिधि भी नाराज,विहिप करेगी आंदोलन

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उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की शुक्रवार अपरांह सम्पन्न हुई बैठक में निर्णय ले लिया गया कि 11 सितंबर से प्रारंभ होनेवाले भस्मार्ती दर्शन के लिए ऑन लाइन पंजीयन करवानेवाले श्रद्धालु को पंजीयन के साथ 200 रूपये भेंट राशि जमा करवाना होगी। वीआयपी आते हैं तो उनसे कोविड प्रोटोकाल के नाम पर 100 रूपये लिए जाएंगे। समिति के इस निर्णय का चौतरफा विरोध हो रहा है। आनेवाले समय में सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी विहिप ने दी है।

शुक्रवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक कलेक्टर सह अध्यक्ष आशीषसिंह की अध्यक्षता में बृहस्पति भवन में हुई। बैठक में लिए गए निर्णयों में एक निर्णय भस्मार्ती दर्शन 11 सितंबर से प्रारंभ करने को लेकर था। बैठक में चर्चा हुई कि वीआयपी के नाम पर हर कोई आ जाता है। साथ में अन्य लोग भी घुस जाते हैं। यदि भस्मार्ती में वीआयपी के नाम पर कोई आता है तो उससे 100 रूपये कोविड प्रोटोकाल के नाम पर लिए जाएं। जितने लोग आएंगे,उतने लोगों से 100-100 रूपये लिए जाएंगे।

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निर्णय का प्रेसनोट जारी होते ही मचा बवाल

बैठक का प्रेसनोट महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति एवं जिला जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किया गया। इसके जारी होते ही बवाल मच गया। उल्लेख था कि-ऑन लाइन भस्मार्ती के लिए 200 रूपये भेंट राशि जमा करवाना होगी।

संत बोले-जजिया कर है ये तो

संत अवधेशदास जी महाराज ने कहाकि यह तो जजिया कर है। वीआयपी के साथ भीड़ रोकने के लिए उनसे 100 की जगह 1000 रूपये लो। लेकिन आम श्रद्धालु यदि ऑन लाइन पंजीयन करवाता है तो उससे 200 रूपये भेंट राशि किस लिए? क्या मंदिर समिति कंगाल हो गई है? लाखो रूपये बेफिलूल बांटे जा रहे हैं। दर्शनार्थियों पर टेक्स लगाया जा रहा है? इसका सड़क पर उतरकर विरोध किया जाएगा।

विहिप करेगी आंदोलन
विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री महेश तिवारी ने कहाकि इस निर्णय का सड़क पर उतरकर,आंदोलन करके विरोध किया जाएगा। यह तो हिंदू समाज के लिए गलत फैसला लिया गया है। कलेक्टर अन्य धर्मो के पूजा स्थलों पर इसप्रकार के टेक्स लगाकर बताएं? महाकाल मंदिर में वसूली अभियान चला रखा है अधिकारियों ने। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

शिव मंदिर में दरवाजा भी नहीं रहता,यहां तो रूपये ले रहे धर्म जागरण के प्रांत पदाधिकारी कुलदीपक जोशी ने कहाकि मान्यता है कि शिव मंदिर में केवल चौखट होती है,दरवाजा नहीं। हर कोई आ सकता है दर्शन करने। महाकाल मंदिर के नाम पर अधिकारियों द्वारा हिंदू समाज की भावनाओं पर चोंट की जा रही है। हम इसका सख्त विरोध करेंगे। 200 रूपये किस बात कै? अधिकारी अपनी सुविधाओं का मोह छोड़े और त्याग दे विलासिता। वह राशि जमा करवा दे,उन्हे महाकाल का आशीर्वाद ही मिलेगा। गरीबों से रूपये लेने केवल श्राप मिलेगा।

हमसे बात नहीं की प्रशासन ने,मन से लिया निर्णय: पारस जैन
विधायक पारस जैन से जब अक्षरविश्व ने चर्चा की तो वे चौंक गए। प्रेसनोट पढऩे के बाद जमकर नाराज हुए। उन्होने कहाकि गुरूवार रात्रि में जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों से चर्चा की थी। तब यह तय हुआ था कि वीआयपी के नाम पर कोई भी घुस जाता है। ऐसे में जो भी वीआयपी के नाम पर दर्शन करने आए,उससे 100 रूपये लो। लेकिन अधिकारियों ने यह नहीं बताया था कि शुक्रवार को बैठक करके वे मनमाना निर्णय ले लेंगे और भस्मार्ती के ऑनलाइन पंजीयन के समय 200 रूपये जमा करवाएंगे। मैं इस निर्णय का सख्त विरोध कर रहा हूं। मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा। बताउंगा कि अधिकारी हमें बुलाकर बैठक में कुछ बोलते हैं ओर तय कुछ ओर करते हैं।

भाजपा नगर जिला इकाई विरोध करती है: विवेक जोशी
भाजपा नगराध्यक्ष विवेक जोशी ने कहाकि पार्टी इसका विरोध करती है। यह तो गलत बात है कि कोई श्रद्धालु भस्मार्ती दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाए और उससे 200 रूपये दान ले लो? किस बात का दान? यह तो एक प्रकार का टेक्स हो गया। हमारी गुरूवार को जब कलेक्टर ने बैठक ली तो यह बात नहीं आई थी। हमने 100 रूपये वीआयपी के नाम पर दर्शन करनेवालों से लेने की सहमती दी थी,ताकि भीड़ के दबाव को रोका जा सके। 200 रूपये लेने का तय नहीं हुआ था। हम मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह बात लाएंगे।

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