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एमआईसी सदस्य सहायक आयुक्त को हटाने पर अड़े…अभी सस्पेंड करो

पड़ताल : जलकार्य समिति प्रभारी की निगमायुक्त से तकरार, आप जान बूझकर बचा रहे…

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन नगर निगम की सहायक आयुक्त कीर्ति चौहान की कार्यप्रणाली के विरोध में एमआईसी के सभी सदस्यों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया। सभी चौहान को हटाने पर अड़ गए, कहा चौहान को अभी सस्पेंड करें या बर्खास्त करें। जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा की इस मुद्दे पर निगम कमिश्नर से जमकर तकरार हुई। शर्मा ने यहां तक कहा आप जान बूझकर सहायक आयुक्त को बचा रहे हैं।

यह दृश्य शुक्रवार को हुई एमआईसी का था। सहायक आयुक्त कीर्ति चौहान द्वारा वार्ड 38 में विभिन्न कार्यों के टेंडर की फाइल रोक देने के बाद अधिकतर एमआईसी सदस्यों ने जमकर आक्रोश जताया। सभी ने कहा सहायक आयुक्त चौहान अनावश्यक फाइलें रोक देती हैं। सामान्य प्रशासन समिति के प्रभारी अनिल गुप्ता द्वारा प्रस्तावित कार्यों के टेंडर की फाइल छह माह तक रोके रखने के मामले ने जमकर तूल पकड़ा। सदस्य गुप्ता ने यहां तक कहा कि सहायक आयुक्त 5 फीसदी कमीशन के चक्कर में फाइल रोक देती हैं।

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चौहान की उपस्थिति में जलकार्य समिति प्रभारी शर्मा ने निगमायुक्त से कहा पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही। सभी काफी देर तक इस बात पर अड़े रहे कि चौहान को अभी सस्पेंड करें। सदस्य शिवेंद्र तिवारी, डॉ. योगेश्वरी राठौर ने भी आक्रोश जताया। राठौर ने कहा पूजा गोयल द्वारा भी फाइलें रोकी जाती हैं। निगमायुक्त ने कहा कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इस पर सदस्यों का आक्रोश थमा। मामले में सहायक आयुक्त ने बताया टेंडर की फाइल नियम के अंतर्गत नहीं होने से रोकी गई।

ये तीन बड़े सवाल उठे

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टेंडर की फाइल जारी नहीं करनी थी तो छह माह तक रोके क्यों रखा?

अपर आयुक्त सहित छह अधिकारी फाइल को ओके कर चुके थे तो एकमात्र अधिकारी ने क्यों रोका?

अगर फाइल निरस्त करना थी तो छह माह पहले ही स्थिति साफ कर देना थी।

इनका कहना

सभी अधिकारी दे चुके मंजूरी

यह सही है कि निर्माण कार्यों के टेंडर जारी करने के लिए सभी अधिकारियों के सहमति में हस्ताक्षर हो गए थे। अगर नियम में नहीं आते तो अन्य अधिकारी भी रोक सकते थे। अपर आयुक्त तक फाइल को आगे बढ़ा चुके थे फिर सहायक आयुक्त द्वारा फाइल रोकना समझ से परे है।
-अनिल गुप्ता, प्रभारी स्थानीय प्रशासन समिति

कार्रवाई आयुक्त को करना है
सहायक आयुक्त के मामले में कार्रवाई आयुक्त को करना है। उन्होंने कहा है कि कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई नहीं होने पर उनसे पूछा जाएगा।
-मुकेश टटवाल, महापौर

इसलिए गहराया विवाद…

  • सदस्य गुप्ता ने अपनी पार्षद निधि के 16 लाख रुपयों से निविदा विज्ञप्ति जारी की थीं।
  • 16 मार्च 23 को निर्माण कार्यों की साइट के फोटो सहित निविदा जारी की थी।
  • 16 सितंबर को छह माह बीत जाने के बाद भी फाइल को रोके रखा।
  • सदस्य गुप्ता ने इसके लिए दबाव बनाया तो फाइल लौटा दी गई।
  • इस पर नाराज गुप्ता ने महापौर मुकेश टटवाल और निगम अध्यक्ष कलावती यादव से शिकायत की।
  • वार्ड के अंतर्गत दिगंबर जैन मंदिर की एजिंग के लिए 84 लाख रुपए का टेंडर लगाया था।
  • गुरुनानक मार्केट की क्रॉस ड्रेन के लिए 81 हजार रुपए का टेंडर लगाया था।
  • गुलाब प्रिंटर्स के पास भी क्रॉस ड्रेन के लिए टेंडर लगाया था।
  • फाइल रोकने से सारे काम अधर में पड़ गए।

फायर एनओसी के 45 केस रोक दिए गए थे!

निगम में फाइल रोकने का मामला पहला नहीं है। इसके पहले भी चौहान द्वारा फायर एनओसी की फाइल डेढ़ साल तक रोके रखी थी। तब 45 प्रकरण रोक दिए गए थे। संबल योजना के मामले भी करीब आठ माह तक रोक दिए गए थे। इस बार सदस्य गुप्ता के निर्माण कार्यों के टेंडर रोक देने से मामले अटक गए।

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