Advertisement

एसपी नाराज हुए तो नागझिरी थाना पुलिस ने 3 माह बाद दर्ज किया प्रकरण

एसपी नाराज हुए तो नागझिरी थाना पुलिस ने 3 माह बाद दर्ज किया प्रकरण

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

मामला: 7 लाख 45 हजार रुपए की धोखाधड़ी का

उज्जैन। नागझिरी थाना पुलिस द्वारा एक धोखाधड़ी के मामले में तीन माह तक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। जबकि मामले में एसपी पूर्व से ही निर्देश दे चुके थे।

Advertisement

जब एसपी को पता चला कि तीन माह हो गए हैं,उनके निर्देश का भी पालन नहीं किया गया,तब उन्होने जमकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही कहाकि तुरंत एफआईआर करके उन्हे अवगत करवाएं। इसके बाद थाने में प्रकरण दर्ज हुआ। अब आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस सारंगपुर जेल जाएगी।

पूरा मामला इसप्रकार है-आदर्श नगर,नागझिरी निवासी आरिफ पिता फकीर मौहम्मद के अनुसार उन्होने अपनी माता अमिना बी और पिता फकीर मौ. को हज पर भेजने हेतु अब्दूल मलिक निवासी इंदौर से सम्पर्क किया। अब्दूल ने उन्हे कहाकि उसके खाते में ढाई लाख रूपए ट्रांसफर कर दें।

Advertisement

आरिफ ने 1 एवं 3 मार्च,2021 को ढाई-ढाई लाख रूपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 2 लाख रूपए नकद शाहबाज खान नामक व्यक्ति को दिए। इसीप्र्रकार 45 हजार रूपए जावेद खान को दिए। इन तीनों की कुल राशि 7 लाख 45 हजार रू. का कन्फरमेशन आरिफ के पास आ गया। इसके बाद हज जाने की तैयारी करने को कहा गया।

अचानक रूपए लेने के 15 दिन बाद आरिफ के पास फोन आया कि हज यात्रा हेतु सीट नहीं मिली है,इसलिए हज पर नहीं भेजा जा सकेगा। तुम्हारे रूपए चेक के द्वारा तुम्हारे पते पर भेज रहा हूं। इसके बाद आरिफ को दो चेक ढाई-ढाई लाख के और एक चेक 2 लाख 45 हजार रू. का प्राप्त हुआ। ये तीनों चेक बाउंस हो गए।

इस पर आरिफ ने अब्दुल मलिक को फोन करके जानकारी दी तो उसने टालमटोल की। आज दिनांक तक रूपए वापस नहीं किए हैं। नागझिरी थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपी धोखाधड़ी के मामले में पूर्व से सारंगपुर जेल में बंद है। पुलिस उसे वहां से लेकर आएगी।

ये अंदर की बात है… फरियादी दो दिन पूर्व एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल से मिला। उन्हे बताया कि तीन माह पूर्व भी आपसे मिला था,आपके निर्देश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। फरियादी ने बताया कि जिसके पास आवेदन लेने के बाद विवेचना सौपी गई,वह कथित रूप से सेवा करने का बोल रहा है।

सीधे कुछ नहीं कहता लेकिन उसका कहना है कि भले ही कोई भी रूपए न ले,मेरी सेवा करना ही पड़ेगी। यही कारण है कि तीन माह से आवेदन रखा है,कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसपी ने इसी बात को लेकर जमकर नाराजगी व्यक्त की। स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्रवाई नहीं की तो वे एक्शन लेंगे। तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई।

Related Articles