मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला

केन्द्र सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लिया है। यूजी और पीजी के तमाम मेडिकल और डेंटल कोर्सेस में अखिल भारतीय कोटा योजना (All India Quota Scheme) के तहत, OBC को 27% और EWS को 10% आरक्षण प्रदान किया जाएगा। यानी एमबीबीएस, एमडी,एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस,एमडीएस जैसे तमाम कोर्सेस में अन्य पिछड़ा वर्ग और कमजोर आय वर्ग के छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से मेडिकल और डेंटल शिक्षा में प्रवेश के लिए OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले 5550 छात्र लाभान्वित होंगे। अखिल भारतीय कोटा में कुल उपलब्ध यूजी सीटों का 15% और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल उपलब्ध पीजी सीटों का 50% शामिल है।

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इस निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1500 ओबीसी छात्रों और स्नातकोत्तर में 2500 ओबीसी छात्रों और एमबीबीएस में लगभग 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों और स्नातकोत्तर में लगभग 1000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को लाभ होगा। अखिल भारतीय कोटा (AIQ) योजना 1986 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत शुरू की गई थी ताकि किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्य में स्थित अच्छे मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने का अवसर प्रदान किया जा सके। केंद्रीय योजना होने के कारण इस आरक्षण के लिए ओबीसी की केंद्रीय सूची का उपयोग किया जाएगा।

शुरू में 2007 तक AIQ योजना में कोई आरक्षण नहीं था। लेकिन 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने AIQ योजना में SC के लिए 15% और ST के लिए 7.5% आरक्षण की शुरुआत की। जब 2007 में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम प्रभावी हुआ, तो ओबीसी को एक समान 27% आरक्षण प्रदान किया गया। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के नीतियों में बदलाव के लिए 2019 में एक संवैधानिक संशोधन किया गया, जिसने EWS श्रेणी के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया।

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