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वर्ष 2022 में लोकायुक्त के 16 प्रकरणों पर आया कोर्ट का फैसला

वर्ष 2022 में लोकायुक्त के 16 प्रकरणों पर आया कोर्ट का फैसला

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तीन मामलों में 5 करोड़ रु. से अधिक की चल-अचल संपत्तियां राजसात की

उज्जैन।वर्ष 2022 में आय से अधिक संपत्ति, पद का दुरुपयोग व रिश्वत के 16 प्रकरणों पर फैसला हुआ है। लोकायुक्त उज्जैन द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र पर न्यायालय ने 16 मामलों में सुनवाई के बाद तीन प्रकरणों में आरोपितों की 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति को राजसात करने के आदेश दिए है।

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बता दें कि लोकायुक्त पुलिस के केसों की सुनवाई के लिए अलग से विशेष सत्र न्यायालय है। भ्रष्टाचार से जुड़े केसों की ट्रायल इसी विशेष न्यायालय में होती है।

कोविड-19 का असर खत्म होने के बाद दिसंबर 2022 तक न्यायालय में लोकायुक्त के 16 केसों का निराकरण हुआ है। इसके बाद लोकायुक्त विभाग द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामलों में उज्जैन के तीन आरोपियों की 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्तियां राजसात की गई है।

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इन तीन आरोपियों की संपत्तियां कुर्क

1. सिविल अस्पताल नागदा में पदस्थ शल्य चिकित्सक डॉ. विनोद लहरी पर लोकायुक्त ने वर्ष 2011-12 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का प्रकरण बनाया था। कोर्ट ने अब आरोपी डॉ. दंपत्ति की करीब 5 करोड़ 11 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति को राजसात करने के आदेश दिए हंै।

2. घट्टिया पटवारी महेश देपन वाले मामले में कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने करीब 33 लाख 81 हजार रुपए की चल-अचल संपत्ति को राजसात किया है। अदालत ने मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत यह फैसला सुनाया।

3.वर्ष 2011में उज्जैन नगर निगम के चपरासी नरेन्द्र देशमुख के घर पर लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। उक्त प्रकरण में कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने 1 करोड़ 9 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति को राजसात किया।

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