अब इलेक्ट्रिक होंगे कचरा कलेक्शन वाहन

By AV NEWS

एक माह में डेढ़ लाख रुपए का डीजल बचेगा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पर्यावरण को बचाने में नगर निगम एक और कदम उठाने जा रहा है। अफसरों के पास चलने वाले वाहन हो या फिर कचरा कलेक्शन के वाहन, सभी इलेक्ट्रिक होंगे। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। प्रारंभिक तौर पर नगर निगम इलेक्ट्रिक से चलने वाले 9 कचरा कलेक्शन वाहन खरीदने जा रहा है, जिनसे एक माह में करीब डेढ़ लाख का डीजल बचेगा।

वहीं अधिकारियों के वाहन किराए पर लिए जाएंगे,यह महंगे साबित होंगे लेकिन पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। निगम के खर्च की बात करें तो सबसे ज्यादा डीजल निगम के वाहनों पर ही होता है। इसे कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों से टारगेट बेस्ड काम किया जा रहा है।

इससे प्रति माह 20 लाख लाख रुपए के डीजल की बचत तो सिर्फ अधिकारी को बदलने से हो गई। अब इसे और कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर काम शुरू हो गया है। सबसे पहले कचरा कलेक्शन वाहनों को डीजल से इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट करने पर काम शुरू हो गया है।

निगम का सफाई अभियान दो स्तर पर

निगम का सफाई अभियान दो स्तर पर चलता है। एक प्राइवेट एजेंसी द्वारा शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाया जाता है। दूसरा निगम भी बाजार से, सड़कों व नालियों से निकलने वाले कचरे को कलेक्ट करता है। इसके लिए नगर निगम के वाहनों में अब इलेक्ट्रिक वाहन जुडऩे वाले हैं। जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसमें 9 कचरा कलेक्शन वाहन खरीदने की तैयारी नगर निगम के अधिकारियोंके द्वारा की जा रही है।

इलेक्ट्रिक वाहन तीन साल में फ्री हो जाएंगे

इलेक्ट्रिक वाहन को किराए पर लेने की बात कही जा रही है, लेकिन इसमें खर्चा डीजल के वाहनों से ज्यादा ही आएगा।अनुमान के मुताबिक एक डीजल वाहन पर 30 हजार का खर्च आता है। इतना खर्च तो इलेक्ट्रिक वाहनों का किराया ही हो जाएगा। इसके अलावा ड्राइवर का खर्च अलग से निगम को वहन करना पड़ेगा। लेकिन इन सबके बीच डीजल वाहनों से होने वाले पर्यावरण को होने वाला नुकसान न के बराबर होगा।

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