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अब नगर निगम का रिकॉर्ड होगा डिजिटल

पचास लाख दस्तावेजों की होगी स्कैनिंग, हर कागज रहेगा सुरक्षित

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उज्जैन।नगर निगम में अब न रिकॉर्ड गुम होने का भय होगा और ना ही नष्ट होने की चिंता। दरअसल नगर निगम अपने हर रिकॉर्ड डाटा को डिजिटल फार्मेट में रखने जा रहा है। इसमें 50 लाख से अधिक दस्तावेज की स्कैनिंग की जाएगी।

दरअसल, नगर निगम मुख्यालय में आने वाले लोगों की अक्सर एक ही शिकायत रहती है कि फाइलों के ढेर से उनके दस्तावेज कहीं खो जाते हैं और फिर से उन्हें नए दस्तावेजों के लिए भागदौड़ करना पड़ती है, लेकिन अब न तो फाइलों से कागज गायब होंगे और न ही उन्हें भागदौड़ करना पड़ेगी। इसके अलावा रिकॉर्ड के गुम होने, चोरी चले जाने, आग लगने जैसी समस्या भी अब नहीं आएगी।

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क्योंकि अब नगर निगम अपने रिकार्डों को डिजिटल रूप में सहेजने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही यह व्यवस्था पूरी तरह से धरातल पर लाई जाएगी। इसके तहत निगम विभागों से संबंधित समस्त प्रकार के नए और पुराने रिकॉर्ड को स्कैन कर कम्प्यूटर में सुरक्षित रखा जाएगा।

बटन दबाते ही मिल जाएगी जानकारी

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निगम संबंधित किसी भी काम के लिए आम आदमी को जोन कार्यालय से लेकर निगम मुख्यालय तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित हो जाने से वे अपनी संपत्ति या अन्य कागजात के बारे में पूरी जानकारी डिजिटल रूम में प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों का समय बचेगा और रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेंगा। उनके दस्तावेजों के साथ किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकेगी।

दस साल पुराने रिकॉर्ड होंगे स्कैन

उज्जैन नगर निगम में कुल 44 विभाग है। इसमें राजस्व, अन्यकर, शिल्पज्ञ, बिल्डिंग परमिशन शाखा आदि प्रमुख हैं। डिजिटलाइजेशन योजना के तहत इन विभागों से संबंधित करीब १० साल पुरानी फाइलों को स्कैन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पुरानी फाइलों का रिकॉर्ड करीब ५० लाख दस्तावेत के हर पृष्ठ को स्कैन किया जाना है। इसके अलावा प्रतिदिन आने वाले कागजों की भी स्कैनिंग की जाएगी।

अधिकारी कर सकेंगे मॉनिटरिंग

बता दें कि नगर निगम में हर काम की समय सीमा निर्धारित होती। निर्धारित समय सीमा में काम नहीं होने पर संबंधित कर्मचारी और अधिकारी को जवाब देना पड़ता है। रिकार्डों के डिजिटल होने से सभी दस्तावेज एक एप्लीकेशन के माध्यम से अधिकारियों के कंप्यूटर से जुड़े रहेंगे। इसकी मानिटरिंग उच्चाधिकारी भी आसानी से कर सकेंगे।

यह होंगे स्कैनिंग के फायदे

  • दस्तावेजों की स्कैनिंग होने पर उन्हें कभी भी पुन: सत्यापन किया जा सकेगा।
  • रिकॉर्ड के गुम होने, चोरी चले जाने, आग लगने जैसी समस्या अब नहीं रहेगी।
  • आवेदक के दस्तावेज जो फाइलों में रखे-रखे खराब हो जाते थे वह समस्या भी नहीं रहेगी।
  • अब लोग फर्जी दस्तावेज नहीं लगा पाएंगे।

इनका कहना है

नगर निगम ने रिकार्डों को डिजिटल रूप में सहेजने का निर्णय लिया है। इससे न केवल रिकॉर्ड सुरक्षित होंगे, बल्कि काम में भी तेजी आएगी। इससे आम आदमी को भी बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस काम के लिए नगर निगम ने ऑफर आमंत्रित किए हैं।
आदित्य नागर, अपर आयुक्त नगर निगम उज्जैन

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