आरटीओ ने शुरू की स्कूल बसों की जांच

By AV NEWS

पहले दिन जांची 100 बसें, खामी पाए जाने पर होगा परमिट निरस्त

उज्जैन। गुरुवार से जिलेभर के प्रायवेट स्कूलों की बसों की जांच का काम परिवहन विभाग (आरटीओ) ने शुरू किया। पहले दिन 100 बसों की जांच की गई। यह कार्य आरटीओ कार्यालय परिसर में ही किया जा रहा है और निरंतर चलेगा।
पिछले दिनों सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान कलेक्टर आशीषसिंह ने सख्त निर्देश दिए थे कि जिले के सभी प्रायवेट स्कूलों की बसों की जांच की जाए।

इनमें तय मापदंड पूरे है या नहीं। यदि ये किसी भी बस में खामी पाई जाए तो सखत कार्रवाई की जाए। इस निर्देश के बाद गुरुवार से भरतपुरी स्थित आरटीओ कार्यालयों में जिले के सभी प्रायवेट स्कूलों की जांच का काम शुरू किया गया। आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि पहले दिन १०० स्कूली बसों की जांच की गई। इनमें खामी नहीं पाई गई। यह कार्य प्रतिदिन किया जाएगा। सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपनी बसों को आरटीओ कार्यालय भेजें। यही पर विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाएगी।

84 प्रायवेट स्कूलों की 980 बसें हैं

आरटीओ मालवीय ने बताया कि जिले में 84 बड़े प्रायवेट स्कूल है। इनमें कुछ स्कूलों की स्वयं की तो कई स्कूलों की बसें अटैच की हुई है। कुल बसों की संख्या 980 हैं। पहले दिन 100 बसों जांच पड़ताल की गई। यह कार्य सतत किया जाएगा। कुछ माह पूर्व उन्हेल के नजदीक एक प्रायवेट स्कूल वाहन की दुर्घटना में बच्चों की जान चली गई थी। इसी के बाद से प्रशासन ने सख्ती शुरू की हैं।

वाहनों में इन नियमों का पालन जरूरी….

स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर, अग्नि शमन यंत्र, बस पर स्कूल का नाम और नंबर, स्कूल बसों में जीपीएस, सीसीटीवी अनिवार्य रूप से चालू रखे जाना हैं। इसी के साथ स्कूल प्रबंधन को बस के संचालन की जीपीएस के माध्यम से निगरानी करना, जिस स्कूल बस में छात्राओं की संख्या अधिक है उसमें महिला कर्मचारी नियुक्त कर समय-समय पर बस चालकों की काउंसलिंग करना है। साथ ही बसों का परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी दस्तावेज पूर्ण होने चाहिए। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो कार्रवाई की जाती हैं।

क्षमता से लेकर स्पीड गवर्नर तक की जांच

स्कूलों बसों में जांच के दौरान बस की क्षमता, फिटनेस सर्टिफिकेट, वाहन सड़क पर चलने लायक है या नहीं, सीसीटीवी कैमरे लगे हैं या नहीं। इसके अलावा स्पीड गवर्नर, परमिट, यदि बस स्कूल से अटैच है तो उसका कागज, ड्रायवर और कंडक्टर का वेरिफिकेशन आदि की चैकिंग की जा रही है। इनमें खामी पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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