उज्जैन:भाजपा में इस बार दिग्गज भी लड़ेंगे पार्षद का चुनाव..!

वार्डो में पहुंच रहे वर्तमान पार्षद और भावी प्रत्याशी, मोबाइल फोन पर निकाल रहे अपनों से जानकारी

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उज्जैन।इस बार दिग्गज भाजपा नेता भी पार्षद पद का चुनाव लड़ेंगे। बोर्डो में नामांकन न होने और विधानसभा की टिकट की वेटिंग लिस्ट से कन्फर्म सीट का सफर तय नहीं कर पाने वाले उम्रदराज नेताओं के पास अब यही एक ही चारा बचा है कि पार्षद बन कर एमआयसी में आ जाएं और पांच साल तक एक बार फिर सक्रियता बनाए रखें। भाजपा में ऐसे अनेक नेता हैं,जो समय चूक गए हैं और अब उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। ये बातचीत में तर्क दे रहे हैं कि इस बार बोर्ड बनना ही चाहिए। दमदार लोग खड़े होंगे तो आसानी से बन जाएगा। वहीं युवा नेता भी इस बार अधिक सतर्कता से काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाला समय हमारा है। भाजपा का वर्तमान बोर्ड 2 सितंबर तक अपना कामकाज करेगा। इसके बाद प्रशासक काल लग जाएगा। वार्डो का जो आरक्षण सामने आया है,उसने कई मिथिक तोड़ दिए हैं। हालात यह है कि शहर की राजनीति करने वाले कई नेता जो युवा से प्रोढ़ हो गए हैं,अपने भविष्य के लिए छटपटा रहे हैं।

उनकी चिंता के दो कारण हैं-

पहला यह कि सिंधिया गुट के भाजपा में आने के बाद आने वाले समय में निगम,बोर्डो में जो भी नामांकन होंगे, उनमें कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं का बंटवारा हो जाएगा। सिंधिया समर्थकों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। ऐसा होने पर आधे लोग एक बार फिर घर बैठ जाएंगे। इस बार घर बैठे तो सेवानिवृत्त जैसे हो जाएंगे।

दूसरा यह कि आगामी विधानसभा चुनाव में उज्जैन उत्तर से सारे समीकरण नए बनेंगे। वहीं दक्षिण की स्थिति अभी से साफ है। ऐसे में जो लोग विधायक की टिकट की दौड़ में अभी तक थे, उनको साफ हो गया है कि आगे भी कोई गुंजाईश नहीं बची है। वे यह मानकर चल रहे हैं कि यदि पार्षद का टिकट मिल जाता है तो जीत की संभावनाएं अधिक रहेगी और एमआईसी में आने के लिए जोर लगाएंगे।

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