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उज्जैन:महिला को सुबह 4 बजे भर्ती किया, 8 बजे मौत

जिला अस्पताल के डॉक्टर्स पर परिजनों का आरोप… मरीज को गंभीरता से नहीं लिया, लापरवाही बनी कारण

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उज्जैन।बहादुरगंज में रहने वाली महिला को परिजनों ने सुबह 4 बजे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। सुबह 8 बजे उस महिला की मौत हो गई। मृतिका के परिजनों ने डॉक्टर द्वारा गंभीरता से इलाज नहीं करने और लापरवाही के कारण महिला की मौत का आरोप लगाया है। सुनीता पति अशोक शर्मा 46 वर्ष निवासी बहादुरगंज को उनका जमाई अंकित तबियत बिगडऩे पर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा।

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यहां इमरजेंसी में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर नीतिश अडवारकर ने जांच के बाद सुनीता को महिला वार्ड में जगह नहीं होने के कारण हड्डी वार्ड में भर्ती कर दिया। इस दौरान अस्पताल में मेडीसीन के डॉक्टर मौजूद नहीं थे। सुबह 8 बजे सुनीता की मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि एक बार भर्ती करने के बाद सुनीता को देखने कोई डॉक्टर नहीं आया। बार-बार नर्सों को सूचना दी उसके बाद भी किसी ने मरीज की बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया।इसी कारण सुनीता की मृत्यु हुई। सीएमओ डॉ. जी.एस. धवन ने बताया कि रात में डॉ. नीतिश अडवारकर इमरजेंसी ड्यूटी में थे। महिला के हार्ट व फेफड़े फैल हो चुके थे। किडनी में भी परेशानी थी। संभवत: हार्ट फैल होने की वजह से महिला की मृत्यु हुई है।

जनरल वार्ड फुल इसलिये हड्डी वार्ड में भर्ती किया : वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढऩे के कारण जिला चिकित्सालय के वार्डों में जगह फुल हो चुकी है। कई मरीज जमीन पर बिस्तर लगाकर उपचार करवा रहे हैं। सुबह 4 बजे सुनीता शर्मा को इसी वजह से हड्डी वार्ड में भर्ती करना पड़ा था।

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मेडिसीन डॉक्टर के 15 पद लेकिन काम कर रहे सिर्फ 3
जिला अस्पताल में मेडीसीन डॉक्टरों के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में डॉ. अजय निगम, डॉ. राजावत, डॉ. जितेन्द्र शर्मा ही इस विभाग में पदस्थ होकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।

व्यवस्था देखना सीएस का काम
मैं अभी जनसुनवाई में हूं। जिला अस्पताल के शहरी क्षेत्र का काम देखना सिविल सर्जन (सीएस) की जिम्मेदारी है। इस संबंध में वे ही जवाब दे सकते हैं। –डॉ. संजय शर्मा, सीएमएचओ

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