सरोकार…सड़क पर टूटते नियम, देखती पुलिस… और झुमते शराबी…
उज्जैन। शहर के तमाम शराब की दुकानों पर फैली अव्यवस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया प्लेट फार्म के फेसबुक पर चल रही प्रतिक्रियाओं का पुलिस प्रशासन पर कोई असर होता नजर नहीं आ रहा हैं।
डंडे के बल पर सख्ती दिखाते खानपान की दुकानों को बंद कराने वाले पुलिस बल को शराब दुकानों और अहातों के बाहर की अव्यवस्था दिखाई ही नहीं पड़ रही हैं।
शहर की शराब दुकानों पर अव्यवस्थाओं के मामले में सोशल मीडिया पर अब भी जारी है लोगों की प्रतिक्रिया
सूरज ढलते ही शराब दुकानों के बाहर की पार्किंग मुख्य सड़कों तक तो आती ही है। शराब लेकर जाने वाले लोग भी मनमाने तरीके से वाहन चलाते है। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है, तो गश्त करने वाला पुलिस दल भी दुकानों के बाहर की अव्यवस्थाओं को किनारा करके निकल जाता हैं।
ऐसा बोल रहे हैं शहरवासी
सच है पर कड़वा, सब सेटिंग का खेल है। थानों में फिक्स है कमीशन। – रीना यादव
शराब दुकाने दूध देती गाय है, आधे घंटे में बोतल आ जाती है, जब तक आइसक्रीम तो पिघल जाएगी। -राकेश नीमा
पुलिस वालों को हफ्ता पानी वहीं से मिलता है, आइसक्रीम पार्लर से नहीं। – पंडित मुकेश शर्मा
सब पुलिस और शराब कारोबारियों की सेटिंग का कमाल है। – संदीप मिश्रा
नियम कानून शराब दुकानों के लिए नहीं है, पुलिस सिर्फ आम व्यक्ति को परेशान करती है। – सिद्धार्थसिंह दरबार
उड़ता उज्जैन, झूमती पब्लिक, अंधा कानून है शहर में। – चिराग कुमार