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उज्जैन नगर निगम: अंडरग्राउंड हो चुके अधिकारी नजर आने लगे मुख्यालय में

लूप लाइन में भेजे गए अफसर फिर लौटें पदों पर

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उज्जैन। नगर निगम में कुछ समय पहले लापरवाही,अनियमितता के आरोप में नोटिस और जांच के आदेश के बाद मूल पद से हटाकर लूप लाइन में पदस्थ किए गए अधिकारी जोड़-तोड़ कर फिर मुख्य विभागों आ गए है। राजस्व निरीक्षक सुबोध जैन को पुन: अतिक्रमण-पशु गैंग का प्रभारी अधिकारी बना दिया गया है। इस तरह पदस्थापना में अन्य कई विवादस्पद अधिकारी भी शामिल हैं।

नगर निगम उज्जैन में क्रीम और मनचाहे विभाग में पदस्थ होने का खेल चल पड़ा है। करीब एक साल पहले तात्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने अनेक मामलों की फाईलों को खंगाल कर काम में लापरवाही,अनियमितता करने के साथ निगम को आर्थिक क्षति पहुंचने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर नकेल कस कर कार्रवाई करते जांच के आदेश दिए और ऐसों को पद से हटाकर लूप लाइन में भेज दिया था। इस स्थिति में कई तो अवकाश लेकर घर बैठ गए थे,तो अनेक अंडरग्राउण्ड़ हो गए थे।

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अंशुल गुप्ता का तबादला होते ही विवादस्पद अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर चले गए थे, तो कई अंडरग्राउंड हो चुके थे। निगम में प्रभाव-दबाव की हवा चलने के बाद अनुकूल परिस्थिति देखते हुए विवादास्पद अधिकारी फिर से अपने मनचाहे पदों पर पदस्थ होने लगे है। इन्हीं में से एक है राजस्व निरीक्षक सुबोध जैन, जिन्हें अतिक्रमण-पशुगैंग का प्रभारी बना दिया गया है। कुछ समय पहले काम में लापरवाही बरतने पर तात्कालीन निगमायुक्त गुप्ता ने निगम में सहायक आयुक्त के प्रभार पर काम कर रहे जैन को उनके मूल पद राजस्व निरीक्षक पर झोन में पदस्थ कर दिया था। इसके बाद जैन लंबे अवकाश पर चले गए थे।

नगर निगम में परिषद का गठन होते ही जैन अवकाश से लौट आए और अंशुल गुप्ता के तबादला होने के बाद निगम की मुख्यधारा में शामिल होते हुए अतिक्रमण-पशुगैंग के प्रभारी बन गए है। इनके अलावा कुछ और कर्मचारी भी है जिनको पहले ट्रेचिंग ग्राउंड सहित जल यंत्रालय भेज दिया गया था। वे भी अपने मुख्य पदों पर काम करने लगे है।

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