उज्जैन में वायरल खांसी का जोर सबसे अधिक

बीमार बच्चों में से 80 प्रतिशत केवल खांसी के मरीज हॉस्पिटल्स फुल, खांसी की सीरप की बिक्री बढ़ी 500%

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उज्जैन। शहर में वायरल खांसी से पीडि़त बच्चों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक माह पूर्व तक जितनी खांसी की सीरप बिकती थी, उसका 500 गुना अधिक बिक रही है। हालात यह है कि कंपनियों ने उत्पादन बढ़ाया लेकिन सप्लाय तीन दिन में दे पा रही है। डॉक्टर्स भी इस बात की पुष्टी कर रहे हैं कि बढ़ों में डेंगू और वायरल फीवर का असर अधिक है वहीं बच्चों में वायरल खांसी तेजी से फैली है। वे कहते हैं कि कोरोनाकाल में जिसप्रकार से मरीजों की संख्या बढ़ी थी,हालात वैसे ही हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि तब डेथ होती थी,वायरल खांसी में मौत नहीं हो रही है।


इस समय शहर में करीब 100 कम्पनियों की खांसी की सीरप प्रचलन में हैं। दवा बाजार के दवा स्टॉकिस्ट अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर दावा करते हैं कि एक माह पूर्व तक हालात ऐसे थे कि किसी कम्पनी की एक माह में 100 वायल बिकती थी तो किसी कम्पनी की 1000 वायल। अब हालात बदल गए हैं। कुछ प्रमुख कम्पनियों की खांसी की सीरप की बिक्री 500 प्रतिशत तक बढ़ गई है। वहीं जिन कम्पनियों की सीरप कम प्रचलन में थी, स्टॉक के अभाव में अब डॉक्टर्स स्वयं फोन लगाकर पूछते हैं कि किस कम्पनी का माल उपलब्ध है…..? उसके बाद उसी सीपर का नाम पर्चे में लिख रहे हैं। ताकि पीडि़त बच्चों को दवा मिलने पर तुरंत आराम मिल सके।

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सरकारी मशीनरी सोई हुई…जुबानी खानापूर्ति कर रही

शहर और जिले में वायरल का जो प्रकोप हो रहा है और बच्चे जिस प्रकार से बीमार हो रहे हैं, उन्हें लेकर जब सीएमएचओ डॉ. संजय शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा- काम चल रहा है। इतनी हालत खराब नहीं है, जितनी आप बता रहे हो। मलेरिया विभाग सर्वे कर रहा है और दवाई का छिड़काव कर रहा है। जब उनसे पूछा गया कि बात मलेरिया की नहीं, वायरल खांसी-जुकाम-बुखार की हो रही है? उन्होंने कहा- दिखवाता हूं मामला।

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इनका कहना है

समीपस्थ जिलों में भी है प्रकोप: डॉ. राठौर

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि राठौर के अनुसार कोरोना जिस प्रकार से चला, इस माह वायरल खांसी, जुकाम, बुखार चल रहा है। बच्चे तेजी से चपेट में आ रहे हैं। हालांकि ठीक होने का प्रतिशत भी अधिक है, लेकिन समय लग रहा है। यह अच्छी बात है कि डेथ रेट शून्य है। डॉ. राठौर के अनुसार उज्जैन के अलावा नलखेड़ा, आगर, शाजापुर, मक्सी, नलखेड़ा से भी वायरल पीडि़त बच्चे आ रहे हैं उपचार के लिए।

ऐसा प्रकोप नहीं देखा पहले : डॉ. संघवी

वरिष्ठ शिशु रोग चिकित्सक डॉ. के.एन. संघवी के अनुसार वायरल खांसी, जुकाम, बुखार का ऐसा प्रकोप पहले नहीं देखा। जिस प्रकार से बच्चे एकदम से चपेट में आ रहे हैं और ठीक होने में समय लग रहा है, वह चिंता की बात है। जिस प्रकार के ड्रग्स बच्चों को दिए जा रहे हैं, वे इनके बॉडी आर्गन को प्रभावित करेंगे। यह जानने के बाद भी देना इसलिए आवश्यक है ताकि लगातार चल रही खांसी से बच्चों को राहत मिले।

ऐसे समझें बाजार में खांसी की सीरप की बिक्री को

अमन गुप्ता (परिवर्तित नाम) जिले में एक दवा कंपनी के मेडिकल रिप्रंटेटिव हैं। उनके अनुसार कंपनी के झोनल मैनेजर जान खा जाते थे कि दवा की बिक्री नहीं बढ़ रही है। डॉक्टर्स भी कितनी ही बार मिलने पर उतना रिस्पांस नहीं देते थे। एक माह से हमारी किस्मत खुल गई है। बगैर प्रचार और डॉक्टर्स कॉल के माल बिक रहा है। अब तो कुछ मेडिकल स्टोर्स वाले आगे होकर फोन कर रहे हैं कि माल हो तो सीधे पहुंचवा दो।

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