उज्जैन:10 दिन टायफाइड का इलाज कराया, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में किया भर्ती,5 घंटे में हो गई मौत

को-आपरेटिव बैंक सचिव की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी नहीं आई, प्रायवेट अस्पतालों में नहीं मिला बेड

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उज्जैन।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की फजीहत तो हो ही रही है, लेकिन अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कल तराना को-आपरेटिव बैंक सचिव को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन उज्जैन के प्रायवेट अस्पतालों में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक भर्ती कराने के लिये भटकते रहे। आखिर में चरक अस्पताल के कोविड वार्ड में जगह मिली। उनका कोरोना टेस्ट हुआ लेकिन रिपोर्ट आती उसके पहले सचिव की मृत्यु हो गई। सुबह तराना विधायक चरक अस्पताल पहुंचे और परिजनों से चर्चा की।

यह है दूसरी बीमारियों के मरीजों की समस्या
शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में उल्टी, दस्त, पीलिया, टायफाइड, मलेरिया जैसी अन्य बीमारियां भी हो रही हैं। दूसरी बीमारी होने पर लोगों को उपचार कराने में परेशानी आ रही है क्योंकि प्रायवेट अस्पताल संचालकों ने अधिकांश वार्डों को कोरोना मरीजों के लिये आरक्षित कर उपचार दिया जा रहा है, जबकि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी कोरोना मरीजों के उपचार में लगे हैं। ऐसे में कोरोना को छोड़कर दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोग परेशान हो रहे हैं और मजबूरी के चलते लोगों को मोहल्ले के क्लीनिक पहुंचकर उपचार कराना पड़ रहा है।

पिता की मौत की कहानी बेटे की जुबानी……बहादुर सिंह चौहान 56 वर्ष निवासी ढाबला राजपूत को-आपरेटिव बैंक में सचिव थे। उनके पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि पिता की 10 दिन पहले तबियत खराब हुई थी। उनका टेस्ट कराने पर टायफाइड निकला। घर पर रहकर उपचार चल रहा था। शनिवार सुबह उन्होंने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। सुबह 9 बजे उज्जैन आकर संजीवनी, पाटीदार, तेजनकर, सहर्ष, सीएचएल अस्पतालों में भर्ती कराने ले गये। सभी अस्पताल वालों ने बेड खाली नहीं होने की बात कहकर उन्हें भर्ती करने से इंकार कर दिया। दोपहर 3 बजे माधवनगर अस्पताल ले गये। डॉक्टर ने चेकअप के बाद चरक अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती करने को कहा। 3.30 बजे बहादुर सिंह चौहान को भर्ती किया गया। उनका कोरोना टेस्ट हेतु सेम्पल लिया जिसके कुछ घंटों बाद बहादुर सिंह की मृत्यु हो गई, लेकिन अभी तक उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई।

सुबह चक्रतीर्थ पर 12 शवों का अंतिम संस्कार
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न अस्पतालों में उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है। सुबह 11 बजे तक चक्रतीर्थ पर 12 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, जबकि कुछ शव ओखरेश्वर और त्रिवेणी स्थित मोक्षधाम पहुंचने की भी खबर है। हालांकि मृतकों में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है।

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