ऐसा कहां लिखा है कि पंतग चाइना के मांजे से ही उड़ती है…

By AV NEWS

अक्षर प्रासंगिक…ऐसा कहां लिखा है कि पंतग चाइना के मांजे से ही उड़ती है…

ऐसा कोई नियम नहीं है और कहीं लिखा भी नहीं है कि पंतग चाइना के मांजे से ही उड़ती है…। फिर जब घातक चायना डोर प्रतिबंध लग गया है तो इसके उपयोग की जिद क्यों..? पतंगबाज हो? पतंगबाजी करते हो तो आओ देशी धागे से बने मांजे के साथ साथ में। फिर पता चलेगा कि पतंगबाजी किसे कहते है और कौन असली पतंगबाज है। नायलोन के धागे (चायना डोर) से कई लोगों की जान पर बन आती है।

कुछ जान गंवा चुके है..अनेक के अंग-भंग हो गए है। यह अपराध तो है,इसलिए ही प्रशासन ने पतंगबाजी में चायना डोर के उपयोग को रोकने के लिए कानून का सहारा लिया है। दम है तो जाओ बाजार। लाओ देशी गट्टा। जमा करो सरेस। टूटी ट्यूबलाइट। हरा, नीला, पीला, रंग। कांच के पिस कर चूरा करों।

बनाओ सरेस लुगदी रंग का घोल। और सूतो मांजा। कड़क ओर धारदार करो। पीसा हुआ कांच बढ़ाओ। गट्टा समझते हो? उचके का नाम सुना है? सुता हुआ मांजा इसमे ही लपटायेगा। कड़ी मशक्कत और मेहनत से तैयार होता है मांजा। जाओ छत पर ओर दिखाओ अपना पंतगबाजी का हुनर। पहले कभी मंदिरों की नगरी में पतंगबाजी तो ऐसे ही होती थी। ये क्या नायलोन के धागे से पेंच लड़ाकर सुरमा बन रहे हो।

परिवार भी जिम्मेदारी समझें

मौत के मांझे की खरीदी की सारी सख्ती अफसरों के हवाले ही मत कीजिये। माता पिता भी रोके टोके। अपने बच्चो को पैसे तो वे ही देते है न पतंगबाजी के लिए। तो फिर यह भी ध्यान रखे कि वो कही जानलेवा मांजा तो लेकर नहीं ंआया? ये मांजा आपके नौनिहाल को भी घायल कर सकता है और पराए के बच्चे को भी।

परिवार की महिला सदस्य भी इस बात का ध्यान रखें कि घर में चायना डोर नहीं आए। घर के पुरुषों को समझाना ओर रोकना होगा इस नायलोन के धागे से पतंगबाजी करने के लिए। पतंगबाजी वाले दिन छतों पर महिलाएं और युवतियां भी तो होती है न बड़ी संख्या में? तो फिर आपकी जवाबदारी नही बनती इस जानलेवा मांजा से दूर करने की?

नजर रखे, चोरी छुपे न बिके मांजा

पुलिस की सख्ती के बाद चाइना का जानलेवा मांजा अब चोरी छुपे बिकने लग रहा है। इस पर भी नजर रखना होगी। सख्ती के कारण दुकानदारों ने इसे ब्लेक में बेचने की जुगत भिड़ाई है। जिला प्रशासन और पुलिस मुखबिरों के जरिये इसकी तफ्तीश कर सकती है। ग्राहक बनकर भी ऐसे दुकानदारो को पकड़ा जा सकता है जो चोरी छुपे अब भी मौत का मांजा बेच रहे है।

कार्रवाई का विरोध क्यों..?

प्रदेश के मुखिया ने अपराधियों के खिलाफ हर कड़ी कार्रवाई के लिए प्रशासन-पुलिस के हाथ खोल रखें है,तो सत्ता के लोग ही पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। एक तरफ सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता के अवैध निर्माण को ध्वत करने में गुरेज नहीं किया। सागर में हत्या के आरोपी बीजेपी नेता का होटल ब्लास्ट कर जमींदोज कर दिया गया। 4 मंजिला इस होटल में 60 डाइनामाइट लगाकर उसे ब्लास्ट कर ढहा दिया गया।

सागर में होटल को डायनामाइट लगाकर उड़ाया जा रहा था,वहीं उज्जैन चायना डोर का कारोबार मिलने पर एक व्यापारी के मकाने के अवैध हिस्सें को तोडने पर भाजपा के स्थानीय नेता शब्दों के डायनामाइट चला रहे थे। उनका कहना था कि नौकर की सजा मालिक को क्यों..? अरे नेताजी आदेश पढ़े नहीं हो ठीक से..आदेश में लिखा है कि चायना डोर का न तो भंडारण किया जा सकेगा और न ही इसकी खरीदी-बिक्री हो सकेगी। फिर क्या नौकर और क्या मालिक..। चायन डोर से पतंग उड़ाने साथ ही क्रय और भंडारण पर भी पर भी अब रोक लगी हुई है। ऐसा नहीं करने वालों पर अब धारा 144 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिला प्रशासन ने चायना डोर को लेकर धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।

हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी की मौत

चाइना के मांजे से हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी की मौत। मामला वडोदरा गुजरात का है। राहुल बाथम राष्ट्रीय खिलाड़ी थे और एक अखबार में काम करते थे। प्रेस आ रहे थे। बाइक पर थे। अचानक चाइना का नायलोन मांजा गले आकर उलझा। गला ऐसे कट गया जैसे कटर से काटा। धल धल खून बहने लगा। अस्पताल तक पहुंचते दम तोड़ दिया। आसमान पर सिर्फ और सिर्फ चाइना का ये जानलेवा मांजा ही है। बस जिम्मेदारों को किसी मौत का इंतजार है।

अफसोस… दु:खद…

और बेहद शर्मनाक…..

( साभार: सोशल मीडिया से…)

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