केडी गेट रोड पर कांग्रेस ने दिया धरना मकानों की गैलरियों को तोडऩे का विरोध

By AV NEWS

पार्षदों सहित समर्थकों ने की नारेबाजी

केडी गेट रोड पर कांग्रेस ने दिया धरना मकानों की गैलरियों को तोडऩे का विरोध

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:केडी गेट रोड चौड़ीकरण के तहत बिजली के पोल लगाने के लिए रहवासियों की गैलरी तोडऩे के मामले ने मंगलवार को राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस पार्षदों सहित समर्थकों ने हल्ला बोल आंदोलन शुरू कर दिया। धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया।

नगर निगम द्वारा केडी गेट से इमली तिराहा तक की रोड का चौड़ीकरण विरोध के भंवर से बाहर नहीं आ पा रहा। धर्मस्थलों को हटाने को लेकर पहले जैन समाज के विरोध का सामना करना पड़ा और अब कांग्रेस ने धरना देकर विरोध का मोर्चा खोल दिया। दरअसल, रोड पर बिजली के पोल लगाने के लिए उन मकानों की गेलरियां तोड़ी जा रही हैं, जो करीब 5 फीट बाहर हैं। इनमें से कुछ मकान राजनीति से जुड़े लोगों के भी हैं।

इस कारण गैलरी तोडऩे का विरोध राजनीतिक तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। मंगलवार सुबह नेता प्रतिपक्ष रवि राय, पार्षद माया त्रिवेदी, पूर्व अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा आदि ने बीच रोड पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की।

काले गुब्बारे उड़ाकर जताया विरोध

कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले गुब्बारे उड़ाकर भी अपना विरोध जताया। सभी ने रहवासियों के मकानों की गैलरी तोडऩे का विरोध किया। दूसरी ओर निगम अधिकारियों का कहना है कि मकानों के सामने तीन फीट जगह छोड़कर ही पोल लगाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने पांच पांच फीट बाहर गेलरियां बाहर निकाल दी हैं। ऐसे मकानों की संख्या तीन चार ही है। इस कारण चौड़ीकरण में परेशानियां आ रही हैं।

हर घर पर बांधे काले गुब्बारे…

रहवासियों ने भी विरोध प्रर्दशन कर अधिकतर घरों के बाहर काले गुब्बारे बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। निगम अधिकारी जारोलिया के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन खत्म किया गया। निगम की ओर से आश्वासन दिया गया है कि दो दिन बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी।

एक समान जगह छोड़ रहे

केडी गेट रोड पर मकानों के सामने तीन फीट जगह छोड़कर ही बिजली पोल लगा रहे हैं। इससे ज्यादा जगह की ऊंचाई पर जिनकी गेलरियां हैं उनको ही तोड़ा जा रहा है। -मुकेश टटवाल, महापौर

धर्मस्थलों को शिफ्ट करने पर अब तक अनिर्णय

केडी गेट रोड चौड़ीकरण की राह में आ रहे धर्मस्थलों को शिफ्ट करने या हटाने को लेकर अब तक अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। इस कारण चौड़ीकरण का उद्देश्य भी पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

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