आपने अक्सर बड़े लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि मेरी किडनी कमजोर है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपना काम नहीं कर सकते या असफल होना तय है। लेकिन यह इंगित करता है कि आपको किसी प्रकार की क्रोनिक किडनी की बीमारी है। किडनी शरीर की ब्लॉउड-फ़िल्टरिंग करती है मतलब इसमें ब्लड से टॉक्सिक सब्सटेंस को फ़िल्टर करने और उन्हें यूरिन में कन्वर्ट करने की क्षमता होती है। किडनी फेलियर या किडनी खराब होने का मतलब है कि किडनी का सही तरीके से काम ना करना होना है। किडनी के फेल होन या तो कुछ समय के लिए होता है या फिर लंबे समय तक इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। समय पर इलाज न मिलने पर व्यक्ति की किडनी हमेशा के लिए खराब हो जाती हैं।
किडनी खराब होने के लक्षण
किडनी खराब होने की बीमारी के बारे में जल्दी लोगों को पता नहीं चल पाता है। क्रोनिक किडनी रोग वाले केवल 10% लोगों को ही उनकी बीमारी की जानकारी होती है। किडनी खराब होने के लक्षण है:
थकावट महसूस करना: किडनी खराब होने के लक्षण में थकावट महसूस हो सकती है। व्यक्ति को हर समय कमजोरी भी महसूस करता है। इस कारण से उसे ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है। गुर्दे या किडनी की बीमारी की अधिक बढ़ जाने के कारण एनीमिया हो सकता है। एनिमिया थकान और कमजोरी का कारण बन सकता है।
त्वचा में सूखापन और खुजली: किडनी शरीर से अपशिष्ट (बेकार) और तरल पदार्थों को बाहर निकालती है। यह रक्त में खनिज (मिनिरल) की सही मात्रा को बनाए रखने में मदद करती है। यदि रक्त में खनिज संतुलन ठीक नहीं रहता है, तो किडनी खराब होने के लक्षण में सूखी त्वचा और खुजली की समस्या पैदा हो जाती है।
ठीक से नींद ना आना: किडनी खराब होने के लक्षण में नींद न आना भी शामिल है। किडनी खराब होने से छानने की प्रक्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है। शरीर में अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठा होते रहते हैं और यूरिन के माध्यम से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस कारण से व्यक्ति को नींद आने में समस्या महसूस होती है।
बार-बार पेशाब लगना: किडनी खराब होने पर व्यक्ति को बार-बार पेशाब आ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी के फिल्टर (गुर्दे की छलनी) खराब हो जाता है। इस कारण से पेशाब में रक्त (खून) कोशिकाओं का रिसाव शुरू हो जाता है। मूत्र में अत्यधिक बुलबुले या झाग भी किडनी खराब होने के लक्षण में शामिल है। अत्यधिक झाग मूत्र में प्रोटीन का संकेत देता है।
सूजन: जब किडनी के फिल्टर खराब हो जाते हैं तो मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। शरीर में प्रोटीन कम होने लगती है। इस कारण से किडनी खराब होने के लक्षण में आंखों के आसपास सूजन भी आ सकती है। सोडियम प्रतिधारण (अधिक नमक का सेवन) के कारण पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है।
भूख न लगना: किडनी खराब होने के लक्षण में भूख न लगना भी शामिल है। ऐसा किडनी के कम काम करने के कारण होता है। शरीर में अपशिष्ट (बेकार) पदार्थ बढ़ते हैं और व्यक्ति को भूख नहीं लगती है।
मांसपेशिययों में ऐंठन: मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या भी किडनी खराब होने का संकेत दे सकते हैं। ऐसा इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का परिणाम हो सकता है। मांसपेशियों में ऐंठन इसलिए होती है क्योंकि किडनी खराब होने से कम कैल्शियम स्तर और खराब नियंत्रित फास्फोरस मांसपेशियों में समस्या पैदा कर सकते हैं।
डॉक्टर से सलाह लें
शरीर में किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। अगर कुछ दिनों से उल्टी, थकान या फिर मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए। यदि व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी है तो नियमित डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को भी डॉक्टर से समय-समय पर परामर्श करना चाहिए।