चित भी मेरा-पट भी मेरा, सिक्का…!

By AV NEWS

इस कहावत को सही कर रहा स्वास्थ्य विभाग का अमला

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:चरक भवन का निर्माण होना था, तब राज्य शासन और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने ड्राइंग-डिजाइन इस प्रकार से बनवाई थी कि सभी फ्लोर पर केवल और केवल हॉस्पिटल संचालित हो। स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए। इसी कारण से हर मंजिल पर वार्ड से लेकर डॉक्टर्स के परीक्षण कक्ष आदि बनाए गए थे। पजेशन देते समय यही शर्त भी रखी गई थी कि इस भवन में कोई भी कार्यालय संचालित नहीं होगा।

जिले के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार इस अनुबंध की जानकारी हर विभाग को तथा सभी जिला-संभागीय अधिकारियों को है। बावजूद इसके इस भवन के छटे तल पर पहले सीएमएचओ ने कब्जा किया और अपना पूरा कार्यालय यहां से चलाया। यह बात कही गई कि हमारा नया भवन बन रहा है। ऐसे में भवन बनने तक सीएमएचओ कार्यालय यहीं से चलेगा। पूरा अमला यहां पर विभिन्न वार्डों/परीक्षण कक्ष में शिफ्ट कर दिया गया। जब सीएमएचओ भवन बनकर तैयार हो गया, यहां से सारे कार्यालय शिफ्ट हो गए।

तब छटी मंजिल खाली होने पर स्वास्थ्य विभाग के अच्छे दिन आएंगे, यह सोचने वाले डिग्रीधारी लोगों ने योजना बनाना शुरू कर दी कि चरक भवन के उक्त फ्लोर पर कोई न कोई चिकित्सा यूनिट शुरू की जाए, ताकि इधर-उधर बिखरे स्टॉफ और उपकरणों को सजाकर मरीजों का उपचार किया जा सके।, लेकिन यह सोच चल ही रहा था कि सिविल सर्जन कार्यालय यहां शिफ्ट हो गया।

सिविल सर्जन कार्यालय के बहादुरगंज छोर स्थित भवन के कुछ कक्ष सड़क चौड़ीकरण में आ रहे हैं। वहीं जर्जर आरएमओ भवन को भी तोड़ा जाना है। ऐसे में सिविल सर्जन कार्यालय तथा आरएमओ/रोकस कार्यालय को लेकर कहा गया कि इन्हें शिफ्ट करना ही होगा। चरक भवन के छटे तल पर सिविल सर्जन कार्यालय तथा रोगी कल्याण समिति कार्यालय चला गया है। जहां पर रोगी कल्याण समिति कार्यालय था, वहां अब आरएमओ कार्यालय कर दिया गया है। ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि चरक भवन में जब कार्यालय खोलने/ले जाने पर प्रतिबंध है तो सिविल सर्जन कार्यालय कैसे शिफ्ट हो गया?

इनका कहना है…

चरक भवन की आरएमओ डॉ. निधि जैन के अनुसार भोपाल से स्पष्ट निर्देश हैं कि चरक भवन के किसी भी फ्लोर पर किसी भी विभाग का कार्यालय नहीं खुलेगा। पूर्व से जो भी कार्यालय हैं, उन्हे हटाने के निर्देश हैं। सीएमएचओ कार्यालय वापस चला गया है। ऐसे में नए कार्यालय के लिए जगह देना नियम के विरूद्ध हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऐसी स्थिति में सिविल सर्जन कार्यालय पूरा का पूरा छटे तल पर शिफ्ट हो गया है, उसे क्यों अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि इस संंबंध में सिविल सर्जन ही बता पाएंगे? सिविल सर्जन डॉ. पी.एन.वर्मा से बात करना चाही लेकिन उनका मोबाइल लगातार बंद आता रहा।

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