नए आयसीयू भवन में हो रहा अतिरिक्त कक्षों एवं हॉल का निर्माण
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:जिला अस्पताल परिसर स्थित वर्षो पुराना आरएमओ तथा सिविल सर्जन कार्यालय भवन टूटेगा। परिसर में पीछे की ओर बन रहे नए आयसीयू भवन में अतिरिक्त कक्षों एवं हॉल का निर्माण हो रहा है। ऐसे में यहां अस्पताल कार्यालय नया रूप लेंगे।
जिला अस्पताल परिसर में स्थित वर्षों पुराना आरएमओ कार्यालय टूटेगा। आरएमओ कार्यालय ओपीडी के पीछे स्थित कक्षों में लग रहे रोकस कार्यालय में शिफ्ट हो चुका है। वहीं रोकस कार्यालय चरक भवन की 6टी मंजिल में शिफ्ट हो चुका है। चरक भवन की 6टी मंजिल में स्थित सीएमएचओ कार्यालय पूर्व में ही अपने स्वयं के भवन, क्षीरसागर मार्ग पर जा चुका है। ऐसे में यहां स्थित कक्षों में सिविल सर्जन का अस्पताल परिसर में बहादुरगंज छोर पर स्थित कार्यालय भी पूरी तरह से शिफ़्ट हो चुका है।
अर्थात चरक भवन की 6टी मंजिल इस समय पूरी तरह से सिविल सर्जन के कार्यालय आदि उपयोग में आ रही है। भू तल पर सिविल सर्जन का कक्ष पूर्व से है ही। हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा पूर्व सूचना न देने के कारण बाहर से आनेवाले लोग, मरीज आदि को रोकस/सिविल सर्जन कार्यालय भेजा जाता है तो वे पूर्व के स्थान पर पहुंचकर परेशान होते देखा जा सकता है।
दूरी बन रही समस्या
इधर चरक भवन की 6टी मंजिल पर सिविल सर्जन कार्यालय स्थानांतरित होने के कारण जिला अस्पताल के सारे कामकाज प्रभावित हुए हैं। हालात यह है कि छोटे से काम के लिए मरीज को स्वयं को या उनके परिजनों को जिला अस्पताल से चरक भवन जाना पड़ता है। वहां तक पहुंचने में उसे कम से कम आधा घण्टा लगता है। क्योंकि मरीज अस्पताल परिसर से पैदल निकलकर चरक भवन पहुंचता है। वहां लिफ्ट से उसे 6टी मंजिल तक जाना होता है। जिस दिन लिफ्ट बंद होती है, अधिक परेशानी होती है। लेकिन कोई सुनवाई भी नहीं होती है।
दो कारणों से दो भवनों को किया शिफ्ट: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ.पी.एन. वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि-आरएमओ कार्यालय जिस पुराने भवन में लग रहा है,उसकी आयु कभी की पूर्ण हो चुकी है। वह जर्जर हो चुका है। कवेलू की छत वाले इस चूने की जुड़ाई से बने भवन में पानी रिसता है वहीं बारिश और ठण्ड में दीवारें गिली रहती है। ऐसे मे आगामी दो माह में इस भवन को तोड़ दिया जाएगा।
बहादुरगंज छोर पर स्थित सिविल सर्जन भवन में 6 कक्ष थे। इनमें से तीन कक्षों को नगर निगम सड़क चौड़ीकरण में ले रहा है। ऐसे में तीन कक्षों में कार्यालय लगाना असंभव था। इसीलिए इस भवन को खाली करके चरक भवन में भेज दिया गया है। चौड़ीकरण के बाद जो तीन कक्ष बचेंगे,उसके लिए कलेक्टर के आदेश पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।