डेढ़ महीने के बच्चे को गर्म सरिए से दागा

By AV NEWS

मां-दादा बोले- माचिस की तीली से जला, आरएमओ ने कहा- गर्म ठोस वस्तु से जलाया है

मामला: निमोनिया ठीक करने के लिए 40 दिन के बच्चे को दागने का…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:निमोनिया का इलाज करने के लिए डेढ़ महीने के बच्चे को गर्म सरिए से दाग दिया गया। टोने-टोटके के बाद बच्चे की हालत और बिगड़ गई। उसे उज्जैन के चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चे की मां और दादा का कहना है कि माचिस की तीली से जल गया है। वहीं चरक अस्पताल की आरएमओ डॉ. निधी जैन के अनुसार बच्चे को किसी ठोस गर्म वस्तु से जलाया गया है। पुलिस को इसकी सूचना दी गई है।

किशनखेड़ी महिदपुर में रहने वाले सोनू पिता बहादुर के 1 माह 10 दिन के बच्चे को लेकर परिजन चरक अस्पताल पहुंचे जहां सीने पर जलने का निशान होने पर डॉक्टर ने उसे भर्ती कर उपचार शुरू किया। बालक की मां का कहना है कि बेटा माचिस की तीली गिरने से झुलसा था जबकि डॉक्टर ने कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। पिता सोनू और मां मधु अन्य परिजनों के साथ अजीत को लेकर चरक अस्पताल लेकर पहुंची थी। मधु ने बताया कि अजीत को जमीन पर लेटाकर गई थी। कुछ मिनिट बाद लौटी तो वह रो रहा था। उसके सीने पर जलने के निशान थे। पास में जेठ राहुल का 5 वर्षीय बेटा वीरू खेल रहा था जिसके हाथ में माचिस थी। वीरू ने ही जलती तीली अजीत पर गिराई थी जिस कारण वह झुलस गया।

जब इलाज चल रहा तो दागने की क्या जरूरत

अजीत की मां मधु और दादा बहादुर ने बताया कि बेटे का इलाज डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है जिसके बाद अजीत की तबियत में सुधार भी था ऐसी स्थिति में उसे दागने की कोई बात ही नहीं है। हमने किसी से भी बच्चे को नहीं दगवाया है। वीरू ने गलती की थी तो उसे डांटा भी था। इस मामले में एनआईसीयू के डॉ. योगेश शाक्य से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मैं इस मामले में कुछ भी नहीं कह सकता।

24 घंटे बाद पहुंची पुलिस

एनआईसीयू स्टाफ ने बताया कि 22 नवंबर को बालक की एमएलसी बनने पर कोतवाली थाने पर टेलीफोन से सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस नहीं आई तो 2-3 बार फिर से कॉल किया गया। 23 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे कोतवाली थाने से एक आरक्षक अजीत को देखने पहुंचा और उसकी मां मधु से जानकारी ली। अजीत माचिस की तीली से जला या परिजनों ने उसे दगवाया है इस मामले में परिजनों के बयान के बाद पुलिस द्वारा जांच की जाएगी क्योंकि चरक अस्पताल के डॉक्टर द्वारा मामले को संदिग्ध माना गया और स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी थी।

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