दस दिनी गणेश उत्सव आज से भक्तों में दिख रहा उत्साह

By AV NEWS

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में गणेशोत्सव को लेकर बाजार में रौनक दिखी। घरों में गणेश प्रतिमाएं विराजित की। मुख्य चौराहों और गलियों में भक्त मंडलों ने पंडाल में गणेश प्रतिमाएं विराजित की है। शहर में 10 दिनों तक गणेशोत्सव धूम रहेगी। गणेशोत्सव की शुरुआत मंगलवार से हो गई है। भक्त मंडलों में गणेशोत्सव को लेकर उत्साह रहा। एक दिन पहले ही प्रतिमांए पंडालों में रखवा दी थी।

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सती गेट के चिंतामण गणेश मंदिर में गणेशजी का ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 4 बजे पंचामृत अभिषेक किया गया। मखाने की माला और ड्रायफ्रूट के लड्डूओं का विशेष भोग लगाया गया। अवंतिक का युवराज चिंतामण गणेश मंदिर पर भी सुबह 4 बजे पंचामृत अभिषेक कर आरती के बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा अथर्वशीर्ष का पारायण कर लड्डूओं का भोग लगाया। 10 भूजाधारी गणेश मंदिर पर भी ब्रह्ममुहूर्त में बाबा का अभिषेक पूजन कर भोग अर्पित किया।

उज्जैन में भी है षड्नियाक के मंदिर

महाराष्ट्र में अष्टविनायक की तरह तीर्थनगरी अवंतिका में षड्विनायक की मान्यता है। भादौ मास में भक्त इन मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ते हैं। भादौ शुक्ल चतुर्थी को भगवान गणेश के प्राकट्य की मान्यता है। इस दिन से विभिन्न गणेश मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता लगता है। कुछ भक्त षड्विनायक दर्शन यात्रा पर निकलते हैं।

स्कंद पुराण के अवंतिखंड में उज्जयिनी में षड्विनायक का उल्लेख मिलता है। 14 वर्ष वनवास के दौरान जब प्रभु श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मणजी अवंतिकापुरी में आए थे तब उन्होंने छह विनायकों की स्थापना की थी।

धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार षड्विनायक के दर्शन से भक्तों के संकटों का निवारण होने के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। भादौमास में दूरदराज से भक्त षड्विनायक के दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से चतुर्दशी तक 10 दिन इन मंदिरों में भगवान गणेश के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का तांता लगता है।

यहां स्थित है षड्विनायक

दुर्वामुख गणपति (चोर गणेश) – अंकपात से रामजनार्दन मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर मंदिर स्थित है।

अविघ्न विनायक- खाकचौक स्थित श्री पंच रामानंदीय खाकी अखाड़े के द्वार के समीप स्थित है मंदिर।

स्थिरमन गणेश- गढ़कालिका माता मंदिर के समीप यह प्राचीन मंदिर स्थित है।

चिंमातन गणेश- ग्राम चिंतामन में स्थित यह मंदिर प्रसिद्घ है। यहां भक्त पूरे साल दर्शन के लिए आते हैं।

मोदकप्रिय गणेश- योगीपुरा स्थित श्री अच्युतानंद गुरु अखाड़ा के बाहर यह मंदिर स्थित है।

लक्ष्मी प्रदाता गणेश- महाकाल मंदिर स्थित कोटितीर्थ कुंड के परिक्रमा पथ पर ईशान कोण में मंदिर स्थित है।

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