महापौर ने आज बुलाई एमआईसी, नमामि गंगे सहित कई फंड छूटे
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम के प्रस्तावित बजट पर आज महापौर परिषद में मंथन हो रहा है। प्रशासन ने 100 करोड़ का बजट पेश किया है। बजट में नमामि गंगे का 92 करोड़ रुपए का फंड भी शामिल नहीं किया गया है। एमआईसी के सुझाव पर बजट में संशोधन किए जा सकते हैं।
बजट में भारत सरकार की योजनाओं से मिली राशि को नहीं जोड़ा है। अमृत दो योजना अंर्तगत केंद्र सरकार से उज्जैन को करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रु. मिले जबकि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए भी 92 करोड़ रुपए मिलें हैं। बजट के अनुसार पालन प्रतिवेदन को लेकर भी अधिकारियों से सवाल जवाब किए जा सकते हैं।
आंकड़ों की जादूगरी, धरातल पर अलग कहानी
निगम द्वारा बजट में आंकड़ों की जादूगरी तो अच्छे से दिखाई जाती है, लेकिन वास्तविक धरातल पर अलग ही कहानी दिखाई देती है। 2023 के बजट में 180.41 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान था, लेकिन 182.72 करोड़ रुपए मिले। राजस्व व्यय 297.77 करोड़ रुपए का बताया गया था, लेकिन खर्च हुआ 231.72 करोड़ रुपए का। इस तरह 48.99 करोड़ रुपए कम राजस्व मिला। 629.88 करोड़ रुपए की पूंजीगत प्राप्तियां होनी थीं लेकिन वास्तविक राजस्व 214.10 करोड़ रुपए वास्तविक मिला। पूंजीगत व्यय 512. 32 करोड़ रुपए प्रस्तावित था लेकिन वास्तविक रूप से केवल 98.63 करोड़ रूपये हुआ। इस तरह कुल पूंजीगत व्यय 115.46 करोड़ रुपए हुआ।