हर बार की तरह निर्देश-आदेश हवा..हवाई
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर का यातायात व्यवस्थित रहे। शहरवासियों के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं, यात्रियों को असुविधा नहीं हो। सड़क हादसों को रोका जा सकें। इन सभी विषयों को लेकर जिला सड़क सुरक्षा समिति के साथ ही अफसरों की अनेक बैठक होती रही है। हर बार कई फैसले कर निर्देश-आदेश जारी किए जाते है,लेकिन सभी मनमानी की रफ्तार में उड़ जाते है।
इन मुद्दों पर भी ध्यान देना जरूरी
लोक परिवहन के वाहनों की मनमानी: यात्री बसों के साथ स्थानीय स्तर पर संचालित लोक परिवहन के वाहनों की मनमानी शहर के यातायात को बिगाडऩे में सबसे अधिक जिम्मेदार है। इन किसी का नियंत्रण ही नहीं है। कार्रवाई नहीं होने के कारण नियमों का उल्लंधन भी लगातार होता है।
ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई: स्मार्ट सिटी कंपनी ने ट्रैफिक नियम का पालन कराने के लिए 17 करोड़ रुपये खर्च कर 13 प्रमुख चौराहों-तिराहों पर सिग्नल लगाए, कैमरे लगाए पर चालान की सुविधा प्रारंभ कर ई-चालान बनाए जा रहे है,लेकिन अमला जुर्माने की वसूली करने में असफल है। छोटे वाहन चालक तो भय में जुर्माना जमा कर देते हे,पर बड़े वाहनों पर किसी का जोर नहीं है। शहर के कई प्रमुख मार्गो के क्रासिंग पर ट्रैफिक सिग्नल लगना चाहिए, क्योंकि इस तिराहे पर दुर्घटना का ग्राफ बढ़ रहा है।
मवेशी मुक्त हो सड़कें- शहर की समस्त आंतरिक सड़कें मवेशी मुक्त हों, इसके लिए नगर निगम को मवेशी पकड़कर गोशाला पहुंचाने की मुहिम सतत जारी रखना चाहिए। अवैधानिक रूप से मवेशी पालन कर रहे पुश पालकों पर कार्रवाई करना चाहिए।
फुटपाथ और पोर्च से हटाया जाए अतिक्रमण- शहर की लगभग सभी सड़कों पर अतिक्रमण ने पैर पसारे हैं। फ्रीगंज, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर के व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में बने पोर्च में भी दुकान फैला दी गई है। हालांकि,जिला सड़क सुरक्षा समिति के साथ समय-समय पर अधिकारियों द्वारा इस संबंध में निर्देश दिए जाते है,पर पालन नहीं होता है।
मनमाने किराये पर लगे रोक- शहर में लोक परिवहन वाहनों के किराए पर भी किसी का कंट्रोल नहीं है। खासकर तीज-त्यौहार अवसर विशेष पर जमकर वसूली होती है। बस ऑपरेटरों द्वारा भी किराये देने पर भी टिकट नहीं दिया जा रहा है।