नीलगंगा जमीन को लेकर कांग्रेस नेता और महापौर आमने सामने

By AV NEWS

रात में जेसीबी तोडऩे पहुंची, नगर निगम अधिकारियों ने रोका

पुलिस थाने में पहले हो चुकी एफआईआर जांच में होगा खुलासा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नीलगंगा की जमीन को लेकर एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई है। निगम ने इस जमीन पर सुंदर मुखाकृति बनाकर विकसित किया है। शनिवार रात कुछ लोगों ने जेसीबी से दीवार तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की। इस पर निगम अधिकारियों ने उसे रोका। इसको लेकर महापौर मुकेश टटवाल और कांग्रेस नेता भरत पोरवाल आमने सामने आ गए हैं।

कांग्रेस नेता व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने दावा किया है कि यह जमीन उनकी है जबकि नगर निगम इसे त्रिकोण गार्डन के रूप विकसित कर चुका है। शनिवार को जेसीबी से अंदर घुसने की कोशिश से मामला गरमा उठा है। रविवार को महापौर मुकेश टटवाल निगम अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और जमीन का निरीक्षण कर अधिकारियों से चर्चा की। महापौर के अनुसार यह जमीन अगर पोरवाल की है तो दस्तावेज प्रस्तुत करें।

सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले पोरवाल ने नगर निगम में आवेदन प्रस्तुत किया था कि इस जमीन के पीछे उनकी जमीन है। इस कारण रास्ता दिया जाए। कुछ समय पहले 7 नवंबर के आसपास भी पोरवाल जेसीबी लेकर पहुंचे थे। तब एफआईआर कराई गई थी। उपयंत्री मुकुल मेश्राम के अनुसार पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

सिंहस्थ 2016 में उठा था विवाद

बताया जाता है कि सिंहस्थ 2016 में इस जमीन को विकसित करने को लेकर विरोध उठा था। स्थानीय रहवासियों के विरोध के बाद तत्कालीन कलेक्टर कविंद्र कियावत ने निगम अधिकारियों से दस्तावेज तलब किए थे। तब निगम अधिकारियों ने जमीन के रिकॉर्ड खंगाले थे और बताया था कि 1976 में नजूल की यह जमीन नगर निगम को ट्रांसफर की थी।

आरोप ही हास्यास्पद, जमीन के दस्तावेज बताएं

नगर निगम द्वारा मेरे कार्यकाल से पहले ही यह जमीन विकसित की जा चुकी है। अगर यह जमीन किसी के स्वामित्व की है तो दस्तावेज प्रस्तुत करें। जांच के बाद निर्णय होगा, लेकिन जेसीबी लेकर तोडऩा अनुचित है। सफाई के लिए 25 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाना भी हास्यास्पद है।-मुकेश टटवाल, महापौर नगर निगम

मुझसे 25 लाख रुपए मांगे… लोकायुक्त में करूंगा शिकायत

जमीन पर मेरा अधिकार है। सफाई के लिए जेसीबी भेजी थी। निगम इसकी सफाई के लिए 25 लाख रुपए मांग रहा। निगम ने इस पर दूसरे मद से काम करा दिया जबकि उद्यान विभाग की है तो उससे कराना था। इसकी लोकायुक्त में शिकायत करूंगा। निगम पुलिस को जमीन के दस्तावेज क्यों प्रस्तुत नहीं कर रहा।-भरत पोरवाल, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष

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