नैक टीम का दौरा…’विक्रम’ प्रशासन का ‘चक्रम’ प्रबंधन… संवाद कम, सलाह यशोगान और महिमामंडन अधिक

विक्रम विश्वविद्यालय को ‘ए’ के बाद कितने ‘प्लस’ प्राप्त होंगे, यह सवाल इन दिनों सभी के मन में है। विश्वविद्यालय को ग्रेड प्रदान करने के लिए यूजीसी द्वारा अधिकृत नैक टीम दौरा कर रही है।

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इस दौरान ऐसा कुछ हो रहा है कि विश्वविद्यालय का प्रशासन ‘कटघरे’ में आ गया है। ग्रेड के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन उपलब्धियां बताने के साथ ही टीम को इंप्रेस करने की कोशिश भी कर रहा है। विवि प्रशासन ने नैक की टीम से अपने पूर्व छात्रों का संवाद कराने के लिए एक कार्यक्रम भी रखा।

यह विश्वविद्यालय प्रशासन के ‘कुप्रबंधन’ का नतीजा हैं कि संवाद के लिए बडी संख्या में इनविटेशन दिए, पर आमंत्रितों के लिए विषय के साथ बात रखने की ‘टाइम लिमिट’ ही डिसाइड नहीं की। ऐसे में जिन्हें मौका मिला उन्होंने ‘धाराप्रवाह’ संबोधन देते हुए ‘महिमामंडन,यशोगान, नेता नगरी’ की स्तुति ‘आत्म-प्रशंसा’ का अवसर हाथों से जाने नहीं दिया। अनेक आमंत्रितों को यह पता भी नहीं था,कि उन्हें यहां बुलाया क्यों हैं..? पर मौका मिला तो बोल दिया जो मन में आया….। फिर क्या… ‘संवाद’ का आयोजन ‘दिशा और विषय’ से भटक गया।

मंच पर बैठे नैक टीम के सदस्य ‘भाषणबाजी’ से ‘चकरघिन्नी’ हो गए। उन्हें एक नहीं कई बार ‘आग्रह’ करना पड़ा कि ‘….टू द पांइट’ अपनी बात रखें। ‘संवाद’ में शब्दों से जिन नेताओं स्तुति हो रही थी,वे आयोजन में मौजूद नहीं थे। पर शायद कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग

‘देख-सुनकर’ गदगद जरूर हो जाएंगे। इसके साथ ही कार्यक्रम में अधिकतर उन पूर्व छात्रों को आमंत्रित किया, जिन्होंने दशकों पहले विश्वविद्यालय में ‘पूराने’ और ‘पंरपरागत’ तरीके से अध्ययन किया और वे शिक्षा के वर्तमान युग,आधुनिकता और तौर तरीकों ‘अनभिज्ञ/अनजान’ हैं।

कार्यक्रम में ‘यंग जनरेशन’ के पूर्व छात्र/छात्रा तो नहीं के बराबर थे, क्योंकि इनविटेशन ही कम को दिए थे, जो यंग एल्यूमिनी आएं वे भी भाषणबाजी को सुनकर चल दिए। इसके बाद विक्रम विश्वविद्यालय के लिए यह ‘यज्ञ प्रश्न’ हो गया हैं कि ‘ए’ ग्रेड में कितने ‘प्लस’….?

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