पाइप लाइन से प्रति सेकंड 11 सौ लीटर पानी आ रहा शिप्रा में

By AV NEWS

त्रिवेणी से लेकर बड़े पुल तक कान्ह का दूषित पानी बहाया,

आज से शुरू होकर स्वच्छ जल का स्टोरेज

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मुख्यमंत्री द्वारा शिप्रा नदी में गंदा पानी मिलने से रोकने का स्थायी समाधान निकालने के निर्देश इंदौर, देवास और उज्जैन कलेक्टर को दिये गये हैं वहीं दूसरी ओर पीएचई व जल संसाधन विभाग द्वारा आगामी मकर संक्रांति के पर्व स्नान को लेकर नदी में स्वच्छ जल स्टोर करने की कवायद में लगा है। शनिवार-रविवार देर रात नर्मदा का पानी पाइप लाइन से शिप्रा में मिलना शुरू हो चुका है जो 16-17 जनवरी तक मिलता रहेगा।

पीएचई से मिली जानकारी के मुताबिक त्रिवेणी पर कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा त्रिवेणी स्थित कान्ह नदी पर मिट्टी का स्टापडेम बनाया जा रहा है। वहीं पीएचई द्वारा शिप्रा नदी में मौजूद कान्ह के दूषित पानी को बहाने का काम पिछले दिनों से शुरू कर दिया गया था। शनिवार-रविवार की रात करीब 2 बजे पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी शिप्रा नदी में मिलना शुरू हो चुका है। इस पानी को फिलहाल कहीं भी स्टोर नहीं किया जा रहा। पीएचई अफसरों का कहना है कि त्रिवेणी, गऊघाट, भूखी माता से लेकर रामघाट होते हुए बड़े पुल तक शिप्रा नदी में स्टोर कान्ह के दूषित पानी को आगे बहाने के लिये नर्मदा के पानी का उपयोग हो रहा है। यह प्रक्रिया रविवार, सोमवार और मंगलवार सुबह तक चलती रही। इस दौरान सभी स्टापडेम के पीएचई द्वारा 2 से 4 गेट और प्लेटें खोली गई थीं। मंगलवार सुबह इन स्टापडेम की प्लेटों को पुन: बंद करने का काम शुरू किया जायेगा और नदी में पानी स्टोर करने की प्रक्रिया चलेगी।

ऐसे स्टोर होगा नर्मदा का स्वच्छ पानी

मंगलवार सुबह बड़े पुल के पास स्थित स्टापडेम के जो तीन गेट खोले गये हैं उन्हें बंद कर दिया जायेगा और पीछे से आ रहे नर्मदा के पानी को स्टोर करने का काम शुरू होगा। पीएचई अफसरों का कहना है कि फिलहाल पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी प्रति सेकंड में 11 सौै लीटर शिप्रा नदी में आ रहा है, जब बड़े पुल के पास से सुनहरी घाट, नृसिंहघाट तक स्वच्छ पानी स्टोर हो जायेगा उसके बाद भूखी माता स्टापडेम और आखिर में गऊघाट व त्रिवेणी स्टापडेम के गेट बंद किये जाएंगे। पीएचई अफसरों के मुताबिक नर्मदा का पानी लगातार 16-17 जनवरी तक पाइप लाइन के माध्यम से मिलता रहेगा जिसके बाद त्रिवेणी से लेकर रामघाट तक नदी में स्वच्छ पानी स्टोर हो जायेगा।

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