लिखित या सोशल मीडिया पर आमजन से मांगे सुझाव,
11 दिसंबर को कंट्रोल रूम पर मीटिंग…
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पूरे शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त है। इसके पीछे कारण अनेक हैं, लेकिन यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने का जिम्मा ट्राफिक पुलिस के हवाले हैं और सच्चाई यह है कि ट्राफिक थाने के अधिकारी शहर के बाहर हाईवे पर वाहनों के चालान बनाते नजर आते हैं। अब पुलिस प्रशासन द्वारा शहर के अंदरूनी मार्गों की यातायात व्यवस्था नए सिरे से सुधारने की कवायद शुरू की गई है।
पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन के लिये सूचना जारी की गई है जिसमें उल्लेख है कि शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिये शहर के लोग अपने सुझाव लिखित में या सोशल मीडिया के व्हाट्एप ग्रुप, फेसबुक आदि पर दे सकते हैं। इसके अलावा 11 दिसंबर को पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित बैठक में भी आमजन पहुंचकर अफसरों को प्रत्यक्ष में अपने सुझाव दे सकते हैं।
जबकि सच्चाई यह है कि शहर के बिगड़े यातायात की सुध लेने वाला वर्तमान में कोई विभाग नहीं है। खासतौर से ट्राफिक पुलिस। इस थाने में अफसर अलग-अलग चौराहों के कौने में खड़े होकर दो पहिया, चार पहिया वाहनों के चालान बनाने में व्यस्त रहते हैं और उन्हीं के सामने बिना नम्बर के डम्पर, तय सीमा से अधिक स्कूली बच्चों को लेकर चलने वाले आटो, तेज रफ्तार दौड़ती बसें निकल जाती हैं जिनसे इन अफसरों को कोई सरोकार नहीं होता।
बसों, ऑटो और ई रिक्शा पर कंट्रोल नहीं
देवास और इंदौर जाने के लिये बसों का संचालन नानाखेड़ा बस स्टेण्ड से किये जाने का नियम है, लेकिन सुबह से रात तक उक्त मार्ग की अधिकांश बसें देवासगेट बस स्टेण्ड से चलती है जिस कारण देवासगेट से रेलवे स्टेशन के सामने होते हुए हरिफाटक ब्रिज की ओर जाने वाले मार्ग पर जाम लगा रहता है। इस चौराहे पर देवासगेट थाने के जवानों के अलावा यातायात थाने के जवान भी ड्यूटी करते हैं और उन्हीं के सामने अवैध तरीके से बसों का संचालन हो रहा है। ऑटो और ई रिक्शा को नियमानुसार चलवाने में भी पुलिस की कार्यप्रणाली ढुलमुल ही नजर आती है।
नये सिरे से बनाएंगे योजना-डीएसपी
शहर के यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस के अलावा नगर निगम, स्मार्ट सिटी, आरटीओ सहित अन्य विभागों की भी है। इसी के चलते शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु आमजन से सुझाव मांगे गये हैं। कंट्रोल रूम पर 11 दिसंबर को आयोजित होने वाली बैठक में सभी विभागों के अफसर प्राप्त सुझावों पर विचार करेंगे। शहर में किन मार्गों को एकांकी किया जा सकता है, कहां पार्किंग होना है और किन मार्गों पर कौन से वाहन प्रतिबंधित किये जाना है इस पर विस्तार से चर्चा होगी। -विक्रम कनपुरिया ,डीएसपी ट्राफिक
यह है पुराने शहर की स्थिति
आबादी के मान से पुराने शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। नगर निगम द्वारा रोड़ चौड़ीकरण पर ध्यान नहीं दिया जाता। सबसे अधिक यातायात थाने के स्टाफ की ड्यूटी पुराने शहर में लगाई जाती है जिसमें महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र प्रमुख है, लेकिन उक्त ट्राफिक जवान भी यातायात के दबाव के कारण जाम की स्थिति से निपट नहीं पाते।
पुराने शहर के मिर्जा नईमबेग मार्ग से लेकर खाराकुआं थाने के सामने से ढाबारोड़ होते हुए दानीगेट से छोटे पुल तक ट्रेक्टर ट्राली से लेकर हर तरह के वाहनों का आवागमन होता है और एक भी बड़ा वाहन इस मार्ग के बीच में आ जाये तो सड़क के दोनों ओर का ट्राफिक जाम हो जाता है। यही स्थिति पटनी बाजार, बर्तन बाजार, गुदरी, चौबीस खंबा होते हुए बेगमबाग से हरिफाटक की ओर जाने वाले मार्ग की है, जबकि हरसिद्धी की पाल से चौबीस खंबा की ओर जाने वाले मार्ग पर सामान्य दिनों में ही पैदल चलना मुश्किल हो रहा है।