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फटे कंबल और बिना बेडशीट के फटे गद्दों से कब मिलेगी मरीजों को निजात?

साइनेज सिस्टम स्टेंडरडाइज करने की मीटिंग से पहले अक्षरविश्व ने चरक व जिला अस्पताल की समस्या से टीम को अवगत कराया

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टीम सदस्य बोले… आज की मीटिंग में इन्हीं समस्याओं को समयसीमा में हल करने पर चर्चा होगी

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शासन द्वारा इंदौर, भोपाल से एनक्यूएस एक्पर्ट की टीम को उज्जैन चरक अस्पताल भेजा गया है जहां साइनेज सिस्टम को स्टेंडरडाइज करने पर विचार विमर्श होगा। यहां बैठक में निर्णय होने के बाद सिस्टम को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लागू किया जायेगा। उक्त मीटिंग शुरू होने से पहले अक्षर विश्व की टीम ने अफसरों को जिला चिकित्सालय, चरक अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं से अवगत कराया साथ ही कितने समय में उक्त समस्याओं का निराकरण होगा इसकी जानकारी भी चाही। हालांकि अफसरों ने आज की मीटिंग में चर्चा के बाद जवाब का आश्वासन दिया है।

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ऐसा था मीटिंग से पहले का नजारा

सुबह 10 बजे चरक के मीटिंग कक्ष की सफाई कर स्टाफ अपडेट था। भोपाल से आए डॉ. विवेक मिश्रा की कार अस्पताल के बाहर रुकते ही उन्हें क्वालिटी मैनेजमेंट की डॉ. पलसानिया ने अपनी टीम के साथ उन्हें रिसीव किया और बैठक कक्ष तक लेकर गईं। यहां गुलदस्ता देकर डॉ. मिश्रा के स्वागत की औपचारिकता शुरू हुई जिस पर डॉ. मिश्रा ने कहा कि इनकी जरूरत नहीं यह गुलदस्ते किसी काम के नहीं होते।

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अस्पताल स्टाफ के सदस्य अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ रहे थे तभी अक्षर विश्व की टीम ने डॉ. विवेक मिश्रा से मीटिंग के संबंध में जानकारी चाही। उनका कहना था कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लगे साइनेज सिस्टम को अपडेट और स्टेंडरडाइज करना है ताकि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को जानकारी के अभाव में यहां वहां भटकना न पड़े। आज की मीटिंग में भोपाल सहित इंदौर से भी करीब 4-5 एनक्यूएस एक्सपर्ट शामिल हो रहे हैं। मीटिंग में जो भी निर्णय पास होगा उसे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी लागू किया जायेगा।

मुख्य समस्याओं पर विचार और समाधान कैसे करेंगे

डॉ. विवेक मिश्रा द्वारा आज मीटिंग की जानकारी देने के बाद अक्षर विश्व ने उन्हें अवगत कराया कि जिला और चरक अस्पताल में अनेक ऐसी समस्याएं हैं जो सीधे मरीजों और उनके परिजनों से जुड़ी हैं। लंबे समय से उक्त समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। अस्पताल के अफसर हर बार आश्वासन देते हैं लेकिन कोई हल नहीं निकलता। डॉ. मिश्रा ने उक्त समस्याओं के संबंध में जानकारी चाही गई और इस प्रकार जवाब दिये…

प्र. जिला अस्पताल में मरीजों को कम्बल, बेडशीट नहीं मिल रहे मरीजों के परिजनों को घर से बिस्तर लेकर आना पड़ते हैं

उ. यह समस्या कितने समय से है और मरीजों को कम्बल बेडशीट क्यों नहीं मिल रहे इस संबंध में जानकारी प्राप्त की जाएगी। मरीज की छुट्टी होने और उस बेड पर दूसरे मरीज को भर्ती करने की स्थिति में तुरंत नया बेडशीट देना जरूरी है। साफ और धुले कम्बल भी देना होते हैं क्योंकि किसी भी मरीज का उपयोग किया बिस्तर दूसरे मरीज को देने से इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है। हमें यह जानना है कि क्या अस्पताल में पर्याप्त बेडशीट और कम्बल नहीं हैं या इनकी समय पर धुलाई नहीं हो रही, हमें यह पता है कि चरक अस्पताल में लांड्री भी है फिर यह समस्या क्या आ रही है इस पर आज की मीटिंग में ही विचार करेंगे।

प्र. शौचालय उपयोग के लायक नहीं, दरवाजे तक टूटे हैं?

उ. अस्पताल के शौचालयों की नियमित और लगातार सफाई होना जरूरी है क्योंकि एक ही वार्ड में विभिन्न बीमारियों से संबंधित मरीज भर्ती होते हैं। शौचालय मरीजों और उनके परिजनों के लिये प्राथमिकता है, यदि दरवाजे टूटे हैं तो रिपेयर कराना चाहिए।

प्र. चरक अस्पताल से प्रसूताओं को प्रायवेट अस्पताल रैफर करते हैं

उ. चरक अस्पताल में डिलेवरी के लिये आने वाली महिलाओं को ऑपरेशन व अन्य क्रिटिकल समस्याएं बताकर प्रायवेट अस्पताल में रैफर किया जाना समझ से परे है। अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं, एम्बुलेंस से उन्हें प्रायवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है।इस बिंदु पर भी आज की ही बैठक में विचार करेंगे।

प्र. एम्बुलेंस चालक नहीं करते नियमों का पालन। नियमानुसार घायल अथवा मरीज को सरकारी अस्पताल पहुंचाना जरूरी है, लेकिन 108 एम्बुलेंस के अनेक ड्रायवर और उसमें मौजूद स्टाफ द्वारा मरीजों के परिजनों को धमकाया जाता है। हालत गंभीर होने की बात कहकर प्रायवेट अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

उ. एम्बुलेंस से जुड़ा विषय अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था में नहीं आता है फिर भी भोपाल स्तर पर अफसरों को इससे अवगत कराएंगे।

आज मीटिंग में होगी चर्चा, कल समयसीमा बताएंगे

सिविल सर्जन डॉ. पी.एन. वर्मा, चरक अस्पताल की डॉ. पलसानिया व अन्य स्टाफ की मौजूदगी में डॉ. विवेक मिश्रा ने कहा कि जिस मीटिंग के लिये हम लोग आए हैं उसके अलावा आपके द्वारा बताई गई समस्याओं पर भी विचार किया जायेगा साथ ही समय सीमा में उक्त समस्याओं के निराकरण पर चर्चा कर कल बताएंगे।

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