बच्‍चा अगर बोलता हैं झूठ, तो इन टिप्स की मदद से सुधारें आदत

By AV NEWS

माता-पिता के लिए ये बेहद आश्‍चर्यजनक और कठिन क्षण हो सकता है जब वह अपने बच्‍चे को पहली बार झूठ बोलते हुए पकड़ते हैं। बच्‍चे द्वारा बोला गया झूठ भले ही छोटा हो सकता है लेकिन बार-बार ऐसा करने से ये उसकी आदत में शामिल हो सकता है। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स भ्रमित हो सकते हैं कि वे बच्‍चे की इस गलती को नजरअंदाज करें या इसके लिए उसे सजा दें। ये स्थिति अधिकतर झूठ के प्रकार और बच्‍चे की उम्र पर निर्भर करती है। सामान्‍यतौर पर अधिकतर बच्‍चे झूठ बोलने की आदत को सामान्‍य मानते हैं। यही वजह है कि बड़े होकर बच्चे पेरेंट्स से बड़ी से बड़ी बात छुपा जाते हैं। लेकिन यदि आपका बच्‍चा अधिक झूठ बोलता है और ऐसा करने में उसे मजा आता है तो आपको उसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इस आदत को कैसे सुधारा जाए, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

बच्‍चों का भरोसा जीतें

बच्‍चे झूठ तभी बोलते हैं जब उन्‍हें किसी बात को आपसे छुपाना होता है या वह आपसे डरते हैं। यदि आप अपने बच्‍चे के साथ अच्‍छे संबंध नहीं रखते हैं या जरूरत से ज्‍यादा सख्‍त हैं तो बच्‍चा आपसे झूठ बोल सकता है। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स बच्‍चे का भरोसा जीतें ताकि वह गलतियों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा न लें। साथ ही आपको क्षमा करने की आदत को अपनाना होगा ताकि बच्‍चा खुलकर आपसे अपने मन की बात कर पाए।

रोल मॉडल बनें

रोल मॉडल वह व्‍यवहार है जो आप अपने बच्‍चे में देखना चाहते हैं। इसका मतलब है कि आपको भी अपने बच्‍चे के साथ हमेशा सच बोलना होगा। आप बच्‍चों से बातें या चीजें छुपाने के चक्‍कर में कई बार छोटे-छोटे झूठ बोल जाते हैं। बच्‍चा आपकी इन्‍हीं बातों को फॉलो करेगा और झूठ बोलने या छुपाने की आदत को अपनाएगा। इसलिए बच्‍चे की इस आदत को छुड़ाने से पहले आपको उसका रोल मॉडल बनना होगा।

सच और झूठ का अंतर

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका बच्‍चा कितना बड़ा है, उसे सच और झूठ बोलने के बीच के अंतर को समझाना महत्‍वपूर्ण है। छोटे बच्‍चों के साथ खासकर पेरेंट्स को इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि उन्‍हें झूठ न बोले साथ ही उन्‍हें चीजों को लेकर कंफ्यूज न करें।

सच बोलने के लिए प्रेरित करें

जब आपका बच्‍चा आपके साथ खेलता है या बात करता है तो उसकी बातों को उत्‍साहपूर्वक सुनें साथ ही उसकी प्रशंसा करें। इसके अलावा हमेशा सच बोलने के लिए बच्‍चे को हग करें या हाई-फाइव करें। ऐसा करने से बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा और वह आपसे रिवॉर्ड पाने की चाहत में हमेशा सच बोलेगा। इसके बाद भी यदि आप बच्‍चे को झूठ बोलते हुए पकड़ लें तो सचेत हो जाएं।

खेल-खेल में सिखाएं

बच्‍चे के झूठ बोलने पर उसे सजा या पनिशमेंट न दें। ऐसा करने से बच्‍चा डर जाएगा और आपसे बातें छुपाने लगेगा। यदि आपको लगे कि आपका बच्‍चा झूठ बोल रहा है तो उसे खेल-खेल में इस बात का अहसास दिलाएं। इसके लिए आप ट्रुथ और डेयर गेम का सहारा ले सकते हैं। साथ ही झूठ बोलने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराएं।

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