बच्चे को पढऩे के लिए मजबूर करते हैं, तो बुरे पेरेंट बन रहे हैं आप

ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बच्चा पढ़ाई में होशियार हो। कुछ बच्चों की रुचि को-कर्रिकुलर एक्टिविटीज में भी हो सकती है। यहां पर बताए गए कुछ संकेतों से आप जान सकते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई नहीं कुछ और करना चाहता है। हर बच्चे की प्रतिभा और रुचि अलग होती है। किसी बच्चे को पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी होती है जबकि कुछ बच्चों की खेलकूल में ज्यादा रुचि रहती है। हालांकि, मां-बाप तो यही चाहते हैं कि उनका बच्चा सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें और बाकी चीज़ों को कम महत्व जबकि ऐसा करना भी सही नहीं होता है।

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बच्चे के ऊपर पढ़ाई को लेकर प्रेशर डालना सही नहीं है। आपको उसे वो करने की सलाह देनी चाहिए, जो वो मन से करना चाहता है या जिसमें उसकी दिलचस्पी हो। यहां हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपके बच्चे को पढ़ाई में नहीं बल्कि किसी और एक्टिविटी में दिलचस्पी है।

पढ़ाई में रुचि कम

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अगर आपका बच्चा पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाता और उसके एग्जाम का रिजल्ट हमेशा सामान्य या औसत रहता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि उसकी प्रतिभा और रुचि किसी अन्य क्षेत्र में है। वहीं, अगर बच्चा कला, संगीत, नृत्य, या लेखन में समय बिताना पसंद करता है और इसमें खुशी महसूस करता है, तो हो सकता है कि वह रचनात्मक क्षेत्रों में अच्छा कर सकता है।

खेलकूद में अच्छा

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आपका बच्चा खेलकूद में अच्छा है और खेलकूद में सक्रिय रूप से भाग लेता है, तो उसे इस क्षेत्र में कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करें। खेलकूद बच्चों को शारीरिक स्वास्थ्य और अनुशासन सिखाता है। बच्चा कंप्यूटर, कोडिंग, या रोबोटिक्स में गहरी रुचि दिखाता है, तो यह उसकी तकनीकी क्षमताओं का संकेत हो सकता है। इस दिशा में उसकी रुचि को बढ़ावा दें।

सोशल और लीडरशिप स्किल्स

अगर आपका बच्चा सोशल एक्टिविटीज करने में ज्यादा खुश रहता है और उसमें नेतृत्व करने की क्षमता है, तो उसे वाद-विवाद प्रतियोगिताओं या नाटक में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
वहीं जिन लोगों का बच्चा प्रकृति और पर्यावरण के प्रति गहरा प्रेम दिखाता है, उन्हें अपने बच्चे को पर्यावरण संरक्षण, बागवानी, या पशु संरक्षण से संबंधित गतिविधियों में शामिल हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

उसकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें

एक पेरेंट के तौर पर यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चे की न सिर्फ पढ़ाई बल्कि हर क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धि को सेलिब्रेट करें। बच्चा को-कर्रिकुलर एक्टिविटीज में जब भी अच्छा प्रदर्शन करता है, तो आप उसकी तारीफ जरूर करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

संतुलन लेकर आना है-

बच्चे की रुचि जिसमें है, उसे सपोर्ट करना जरूरी है लेकिन इसके साथ ही उसे यह भी बताएं कि उसे अपनी पसंद और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाकर चलना आना चाहिए। इससे पढ़ाई पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा और बच्चा भी खुश रहेगा। आप बच्चे की एक्टिविटीज में दिलचस्पी दिखाएं और बेहतर करने के लिए उसे सही फीडबैक दें।

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