बेटी को बनाना है ‘Self-dependent’ तो जरूर सिखाएं ये 5 बातें

आज के दौर में बेटियां किसी भी तरह से बेटों से कम नहीं हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपकी बेटी भी आज की दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चले तो आपको अपनी बेटी को बचपन से ही कुछ चीजें जरूर सिखानी चाहिए। कुछ लोगों के अनुसार बेटियों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए सिर्फ बेहतर शिक्षा ही काफी होती है. लेकिन वास्तव में लाइफ की कुछ बेसिक बातें भी बेटियों की आत्मनिर्भर बनाने का काम करती हैं.
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वहीं बेटियों के अंदर बचपन से ही स्किल डेवलेपमेंट करने से न सिर्फ बेटियों की पर्सनालिटी निखरती है बल्कि भविष्य में उनके कामयाब होने का रास्ता भी आसान हो जाता है.हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं, जिन्हें सीखकर आप अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकते हैं। इससे भविष्य में समय आने पर वह अपने लिए स्टैंड ले सकता है और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रह सकता।
अपना ख्याल रखें
ज्यादातर घरों में बेटियां सबका ख्याल तो रखती हैं, लेकिन खुद पर बिल्कुल ध्यान नहीं देतीं। लेकिन, माता-पिता के लिए जरूरी है बेटियों के लिए पहली सीख यह होनी चाहिए कि वे खुद का ख्याल रखें. माता-पिता अपनी बेटियों को यह बताएं कि दूसरों का ख्याल तभी रखा जा सकता है जब वह पहले अपना ख्याल रखें. जब बेटियां खुद तंदुरुस्त होंगी तभी वह परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खुद को और अपनी इच्छाओं को महत्व देने की आदत डाल सके।
अपने हक के लिए लड़ना
कई घरों में हमेशा बेटियों और बहुओं के अधिकार छीनने की कोशिश की जाती है। ऐसे में घर पर छिपकर बैठने से अच्छा है कि माता-पिता लड़कियों को खुद के लिए लड़ना सिखाएं। जब लड़कियां खुद के लिए आवाज उठाएंगी तभी दूसरे भी उनके हित में बोलेंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे। ऐसे में बेटियों के लिए तीसरी सीख होनी चाहिए खुद के लिए लड़ना। पढ़ाई हो या नौकरी या कोई और जरूरी काम, हर सही काम के लिए बेटियों को बचपन से ही उनके हक के लिए लड़ना सिखाएं।
अपने निर्णय स्वयं करें
इस दुनिया में कोई भी ऐसा माता पिता नहीं होगा, जो ऐसा सोचेगा उसकी बेटी की जिंदगी के फैसले कोई और ले। इसलिए आप अपनी बेटी को बचपन से ही अपने लिए निर्णय लेना सिखाएं। यह सीख उसे आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी। इससे उसे भविष्य में किसी और के फैसलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वह अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने से भी नहीं हिचकेगी।
आजादी से रहना है जरूरी
बेटियों को बताएं की आज़ादी से कैसे जिया जाता है. बेटियों को ये भी बताना ज़रूरी होगा कि आज़ादी का मतलब गलत संगत में पड़ना और ज़िम्मेदारियों से भागना नहीं है. आज़ादी का मतलब है अपने कर्तव्यों को निभाते हुए खुद को सर्वश्रेष्ठ रखना. किसी के दबाव में आकर गलत फैसलों से दूर रहना ही आज़ादी है. इसलिए बेटियों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए उन्हें बेटों की तरह घूमने फिरने की आजादी देने की कोशिश करें.
समय का मूल्य बताएं
अपनी बेटियों को समय को महत्व देना और सही निर्णय लेना सिखाना सुनिश्चित करें, ताकि वे अपने और अपने प्रियजनों के लिए समय पर उचित निर्णय ले सकें। साथ ही उन्हें इस बात के लिए भी समझाएं कि कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार करना ज़रूरी है, क्योंकि एक गलत फैसला उनकी जिंदगी में बहुत कुछ बदल सकता है।