मकर संक्रांति को 10 दिन शेष, कैसे होगा शिप्रा में पर्व स्नान…

By AV NEWS

त्रिवेणी पर नहीं रोक पाये कान्ह का पानी, पीएचई बहा रही स्टापडेम खोलकर दूषित पानी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मकर संक्रांति पर्व को 10 दिन शेष रह गये हैं। पीएचई द्वारा शिप्रा नदी के स्टापडेम खोलकर कान्ह का दूषित पानी लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन कान्ह पर अब तक मिट्टी का स्टापडेम नहीं बन पाया है इस कारण शिप्रा में कान्ह का दूषित पानी मिलना लगातार जारी है। अब शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति पर पर्व स्नान कैसे कराया जायेगा इसको लेकर पीएचई और जल संसाधन विभाग के अफसर मंथन में लगे हैं।

कान्ह डायवर्शन लाइन से दूषित पानी बहाने का काम न के बराबर हो रहा है इस कारण सीधे त्रिवेणी से शिप्रा नदी में मिल रहा है। दूषित पानी मिलने के कारण पूरी नदी में स्टोर पानी स्नान, पूजन या आचमन के लायक भी नहीं बचा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिछले दिनों निर्देश दिये थे कि शिप्रा नदी में साफ व स्वच्छ पानी स्टोर किया जाये। हालांकि सीएम के निर्देशों पर जलसंसाधन और पीएचई विभाग द्वारा तत्काल अमल नहीं किया गया। पीएचई के अफसरों ने शिप्रा नदी के बड़े पुल तक स्थित स्टापडेम खोलकर कान्ह का दूषित पानी आगे बहाया जा रहा है, लेकिन जल संसाधन विभाग ने अब तक त्रिवेणी स्थित कान्ह पर मिट्टी का स्टापडेम नहीं बनवाया यही कारण है कि कान्ह का दूषित पानी तेजी से शिप्रा नदी में लगातार मिल रहा है।

कलेक्टर ने नर्मदा का पानी छोडऩे के लिये पत्र लिखा
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह बुधवार शाम त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर पहुंचे थे। उनके साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी भी यहां मौजूद रहे। उन्होंने कान्ह और शिप्रा नदी में पानी की स्थिति देखी और विभागों के अफसरों को गुरूवार को मीटिंग के लिये कलेक्टर कार्यालय बुलाया है। बताया जाता है कि कलेक्टर सिंह ने शिप्रा नदी में नर्मदा का साफ पानी पाइप लाइन के माध्यम से छोडऩे के लिये नर्मदा विकास प्राधिकरण के अफसरों को पत्र जारी कर दिया है।

कान्ह का पानी रुके तो 12 घंटे में होगी नदी खाली

पीएचई के अफसर बताते हैं कि कान्ह का दूषित पानी तेजी से शिप्रा नदी में मिल रहा है। त्रिवेणी, गऊघाट से लेकर बड़े पुल तक नदी के स्टापडेम खुले हैं। यदि कान्ह का दूषित पानी त्रिवेणी से शिप्रा नदी में मिलना बंद हो जाये तो 12 घंटे में नदी खाली कर सकते हैं, लेकिन बुधवार तक जल संसाधन विभाग के अफसरों ने स्टापडेम का कार्य शुरू नहीं कराया गया था।

त्रिवेणी स्टापडेम के आगे नर्मदा का पानी छोडऩे की योजना
कान्ह का दूषित पानी मिट्टी का स्टापडेम बनाकर रोक दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में नर्मदा पाइप लाइन के माध्यम से उज्जैन तक आने वाले स्वच्छ पानी को त्रिवेणी स्टापडेम के आगे सीधे शिप्रा नदी में छोडऩे की योजना बनाई जा रही है। इस प्रक्रिया से भी रामघाट तक पानी पहुंचाने में 10 दिन का समय लग सकता है।

शिप्रा नदी में स्टोर कान्ह के दूषित पानी को स्टापडेम खोलकर आगे बहाया जा रहा है। नर्मदा का पानी पाइप लाइन के माध्यम से शिप्रा नदी में मिलाने की योजना पर काम कर रहे हैं। कान्ह के दूषित पानी की आवक रुकते ही नर्मदा के पानी को शिप्रा नदी के रामघाट तक स्टोर कर लिया जायेगा। –एनके. भास्कर,कार्यपालन यंत्री पीएचई

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