मामला रामघाट मार्ग के खय्या क्षेत्र में कोर्ट के आदेश पर जमीन की नपती का…
लोगों का कहना 100 साल से रह रहे, हमारे पास रजिस्ट्री भी
उज्जैन। कोर्ट के आदेश पर रामघाट मार्ग पर खय्या क्षेत्र में प्रशासन द्वारा गुरुवार को कार्रवाई करते हुए मकानों पर नोटिस चस्पा किए और खाली करवाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान 10 मकानों सहित एक स्कूल और धर्मशाला पर भी ताला जड़ दिया गया है। आज स्कूल में छुट्टी रखना पड़ी। वहीं यहां के रहवासियों में आक्रोश है उनका कहना है कि पिछले 100 साल से अधिक समय से यहां रहे हैं।
खय्या क्षेत्र रहवासी सुनील सारवान ने बताया कि उनका मकान सीरवी समाज की धर्मशाला-मंंदिर के समीप ही है। वे कई वर्षों से रह रहे हैं। गुरुवार को अचानक प्रशासन की टीम पहुंची और कार्रवाई कर मकानों पर नोटिस चिपकाए। १० मकानों पर ताला लगा दिया गया। इनमें लुहार समाज की धर्मशाला और एसकेबीएम स्कूल पर भी ताला लगा दिया है। क्षेत्र में कुल 105 मकान हैं जो खय्या क्षेत्र, सीतलामाता गली से आगे तक हैं।
सारवान का कहना है कि जमीन पर कब्जा तो 2200 स्क्वेयर फीट पर लेना था लेकिन 40 हजार फीट जमीन ले ली जिसमें हमारे मकान भी आ रहे हैं। इसी तरह गीताबाई, पूनमचंद चुन्नीलाल, उमेश कसेरा, काशीराम ने भी बताया कि वे पीढिय़ों से यहां पर रह रहे हैं। अब हम कहां जाएंगे। शुक्रवार सुबह में लोग मकान खाली कर अन्य स्थान पर जा रहे थे।
प्रशासन ने नपती का काम शुरू किया…
रामघाट मार्ग स्थित सीरवी समाज धर्मशाला के समीप की करीब पौने दो बीघा जमीन पर फर्जी वसीयतनामा बनवाकर कब्जा किया गया था। इस जमीन पर कई मकान भी बन गए हैं। जमीन को मुक्त कराने के लिए कोर्ट से आदेश होने के बाद प्रशासन की टीम ने गुरुवार को नपती का काम शुरू किया। कब्जा लेने वाले सुरेश चिटनिस ने बताया कि अवैधानिक रूप से कब्जा की गई जमीन करीब पौने 2 बीघा कुल 376 आरा जमीन है।
यह जमीन उनके भाई आदित्य माधवराव चिटनिस के नाम से है। वर्ष 1980 में कुछ लोगों ने उनके भाई के नाम से जमीन का फर्जी वसीयतनामा बनवा कर फर्जी कागजात तैयार कर नामांतरण भी करवा लिया था। इसके बाद वर्ष 2004 जमीन को लेकर न्यायालय में केस दायर किया था। करीब 40 हजार वर्ग फीट जमीन पर पूर्व के वर्षों में कुछ मकान भी बन गए हैं। हालांकि नपती के बाद ही पता चलेगा कि कितनी जमीन पर कब्जा किया गया।
रात में रहवासी पहुंचे कलेक्टर निवास पर
सिरवी समाज ट्रस्ट और चिटनीस के जमीन विवाद में न्यायालय के फैसले पर गुरुवार की दोपहर से जमीन से बेदखली की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। कड़ाके की सर्दी में रहवासी अपने सामान को शिफ्ट करने में लगे रहे। वहीं कई लोग गुरुवार की रात को कलेक्टर निवास पर भी प्रदर्शन के लिए पहुंच गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि रैन बसेरों में अस्थायी व्यवस्था की जा रही हैं। पीढिय़ों से रह रहे लोगों में काफी गुस्सा है। वे रजिस्ट्री के कागज भी दिखा रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्षद और नेता भी प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान वहां पर पहुंच गए थे। उन्होंने भी विरोध जताया है।