महाकाल मंदिर सभामंडप में संतों और वीआईपी को नहीं लगेंगे धक्के

By AV NEWS

महाकाल मंदिर सभामंडप में संतों और वीआईपी को नहीं लगेंगे धक्के

मंदिर से 12 किमी दूर लड्डू निर्माण यूनिट को त्रिवेणी संग्रहालय के पास लाने की योजना

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल मंदिर से निकलने वाली श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी (11 सितंबर) के दौरान मंदिर के सभामंडप में साधु-संतों और वीआईपी को पालकी दर्शन के लिए धक्के नहीं खाना पड़ेंगे। मंदिर प्रबंध समिति इनके लिए विशेष बैठक व्यवस्था करेगी। मंदिर से 12 किमी से ज्यादा दूर लड्डू निर्माण यूनिट को त्रिवेणी संग्रहालय के पास लाने की कवायद शुरू हो गई है।

रविवार को हुई महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया कि मंदिर के सभामंडप में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने से साधु-संतों और वीआईपी को पालकी में विराजित भगवान महाकाल के दर्शन करने में धक्के खाना पड़ते हैं। इसके लिए सभामंडप में भेंट पेटी के पास अस्थाई रूप से कुर्सियां लगाकर बैठक व्यवस्था की जाए ताकि पालकी वहां से होकर निकले तो बिना धक्के खाए आसानी से दर्शन हो सके।

कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर निर्णय किए गए। महंत महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी, महापौर मुकेश टटवाल, महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, निगमायुक्त रोशनकुमार सिंह, एसपी सचिन शर्मा, सदस्य राजेन्द्र शर्मा (गुरू), राम शर्मा, यश पुजारी (प्रतिनिधि पुजारी प्रदीप गुरु) एडीएम अनुकूल जैन, डॉ. सीमा शर्मा प्राचार्य शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, केसी पाटीदार ईई यूडीए, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल सहायक प्रशासक आर.के. तिवारी मौजूद थे।

पुजारियों और पुरोहितों का अंशदान आपत्ति में अटका, अब देंगे जवाब…

पिछले साल 2022 में श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती दर्शन के लिए हुई ऑनलाइन बुकिंग से प्राप्त राशि में से 40 प्रतिशत अंशदान के रूप में 22 लाख 39 हजार 280 रुपयों का भुगतान पुजारियों और पुरोहितों को करना है, लेकिन ऑडिट आपत्ति के कारण यह अधर में पड़ा हुआ है। मंदिर प्रबंध समिति राशि देने का निर्णय 5 दिसंबर 22 को ही कर चुकी है, लेकिन ऑडिट आपत्ति के कारण यह होल्ड पर है। बैठक में तय किया गया कि इसके लिए ऑडिट को जवाब देकर संतुष्ट किया जाएगा।

भक्त निवास के लिए जमीन डेवलप करने की तैयारी

इंदौर रोड पर होटल इंपीरियल के सामने खाली पड़ी जमीन पर 2250 कमरों का भक्त निवास और नजदीक ही 3 हजार वाहनों की पार्किंग बनाने की मंजूरी दे दी गई है। बेसिक डेवलपमेंट का काम यूडीए द्वारा किया जाएगा। यूडीए जल्द ही जमीन का डेवलपमेंट करने के लिए टेंडर लगाएगा। यहां करीब 500 करोड़ की लागत से भक्त निवास बनेगा। यह काम जन सहयोग से किया जाएगा। महाकाल दर्शन के लिए बनाई जा रही टनल में 7 करोड़ 11 लाख की लागत से कूलिंग सिस्टम लगाने का प्रस्ताव समिति ने अभी यह कहकर रोक दिया है कि अब तोडफ़ोड़ करना पड़ेगी। मंदिर प्रशासन इसमें अलग से एसी लगाएगा। हालांकि टनल में यूडीए ने कूलिंग सिस्टम के लिए जगह छोड़ी है।

देशभर में महाकाल के लड्डुओं की मांग बढ़ रही, बनाने की जगह छोटी और दूर

महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी की मांग लगातार बढ़ रही है। इस बार नागपंचमी पर 51 लाख 41 हजार रुपए के लड्डू बिके। लड्डू बनाने की यूनिट 12 किमी दूर चिंतामन गणेश मंदिर के पास है जहां जगह कम पडऩे लगी है। ग्रामीण क्षेत्र होने से बार बार बिजली गुल होती है। इससे लड्डू बनाने में दिक्कतें आती हैं। नागपंचमी पर लड्डू बनाने के लिए चार दिन पहले से भंडारण करना पड़ा और अस्थाई यूनिट बनानी पड़ी।

24 घंटे लड्डू बनाने का काम किया गया। इस समस्या से जूझने के लिए मंदिर प्रबंध समिति चिंतामन जवासिया की यूनिट को 11 केवी की लाइन से जुड़वाएगी ताकि बिजली की आपूर्ति बंद न हो। बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि प्रशासन त्रिवेणी संग्रहालय के पास जमीन आवंटित कर दे तो नई यूनिट बनाई जा सके। इससे ज्यादा दूरी से लड्डू लाने का खर्चा भी बचेगा।

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