जांच के लिए नहीं उतरी मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:शहर में शुद्ध खानपान की स्थिति को जांचने के लिए लाई गई चलित मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (एमएफटीएल) का फायदा इस बार त्योहारी सीजन में नहीं मिल रहा है। इस टेस्टिंग लैब को करीब तीन वर्ष पूर्व उज्जैन लाया गया था। इस लैब में पानी समेत 102 तरह के खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों में मिलावट की जरा भी आशंका होने पर यह लैब तुरंत वहां पहुंचकर मात्र 10 रुपए में जांच कर रिजल्ट देती है।
एमएफटीएल शुरुआती समय में तो यह लैब खूब दौड़ी, लेकिन पिछले कुछ समय से इसकी रफ्तार पर ब्रेक लग गया था। दरअसल लैब का वाहन खराब हो गया है। सुधार के लिए बजट नहीं आया। दीपावली के मद्देनजर खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन विभाग जांच कर नमूने लेने में जुटा हुआ है। सैंपल लेकर विधिवत जांच के लिए भोपाल स्थित खाद्य प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।
नापतौल विभाग भी ऐनवक्त पर जागा….
खाद्य सुरक्षा विभाग की तरह नापतौल विभाग की जिम्मेदारी है कि वह उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण करें। लेकिन यह विभाग है कि यदा-कदा ही जागता है। अब दीपावली पर्व को ही लीजिए। विभाग ने दिवाली के एक दिन पहले जांच अभियान चलाया। मिठाई, नमकीन, किराना, सराफा और हार्डवेयर के विभिन्न प्रतिष्ठानों की जांच की। नापतौल विभाग ने नापतौल के उपकरणों का सत्यापन और मुद्रांकन नहीं पाए जाने, पैक वस्तुओं पर आवश्यक जानकारी और घोषणा दर्ज नहीं करने, मिठाई को डिब्बे सहित तौलने के अलावा नियम अनुसार आवश्यक दस्तावेज प्रदर्शित नहीं करने पर १० दुकानों के प्रकरण बनाए हैं। विभाग ने विधिक माप विज्ञान अधिनियम-2009 और 2011 का उल्लंघन होने पर १० प्रकरण बनाए हैं।
टायर फटने से बंद है
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब 2020 में मिली थी। उज्जैन पहुंचने के बाद इस लैब को पूरे शहर समेत आसपास के क्षेत्रों में भी पहुंचाया गया। लैब सालभर लगातार अलग-अलग जगहों पर जाकर शुद्ध खानपान का परीक्षण करती रही,लेकिन यह त्योहार के सीजन में सड़कों पर नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के अनुसार मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के टायर फट गए है। नतीजतन संचालन नहीं होने की वजह से तकनीकी खराबी भी आ गई है। टायर बदलने के लिए राशि आवंटन का इंतजार है।
10 रुपए में खाद्य पदार्थों की जांच का दावा था….
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दावा किया था कि मोबाइल लैब कॉलोनियों,तहसीलों में पहुंचेगी। इसमें अनाउंसमेंट करके लोगों को बताया जाएगा। कि मात्र 10 रुपए देकर इसमें मसाले, दूध, किराना सामग्री जैसे तेल, बेसन, दाल सहित घी, मिठाई, मावा आदि की जांचें हो सकेंगी। मोबाइल वैन अलग-अलग इलाकों में घूमेगी। इसमें केमिस्ट के माध्यम से खाद्य सामग्री के टेस्ट किए जाएंगे।
इसकी रिपोर्ट लोगों को व्हॉट्स एप पर पीडीएफ फॉर्मेट में मिलेगी। हालांकि इसमें प्राइमरी रिपोर्ट मिलेगी, लेकिन लोग ये पता लगा सकेंगे कि उनके द्वारा खरीदी गई सामग्री शुद्ध है अथवा नहीं। मोबाइल वैन में मिठाई अथवा मावे में स्टार्च का परीक्षण तो हो जाएगा लेकिन फैट का परीक्षण नहीं हो पाएगा। दरअसल इसके लिए बीआर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करना होता है,जो भोपाल स्थित लैबोरेटरी में है। इसलिए इन जांचों के लिए सैंपल भोपाल ही भेजना होगा।
नबंर भी सेवा में नहीं
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कहा था,आम उपभोक्ताओं को जांच के लिए मोबाइल नम्बर 94795-34737 पर संपर्क कर सकते हैं। कई मामलों में हाथों हाथ रिपोर्ट मिल जाएगी। यह मोबाइल नंबर भी मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब की तरह ‘सेवा में नहीं है।
वैन किन्हीं कारणों से नहीं चल रही है। इस कारण उसका उपयोग नहीं हो रहा है। विभाग लगातार अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों के नमूने लेने में जुटा हुआ है।-बसंतदत्त शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी