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राम वन गमन पथ से उज्जैन का रामघाट छूटा

शिप्रा तट रामघाट पर भी आए थे भगवान श्रीराम

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:श्री राम वन गमन पथ निर्माण का खाका तैयार हो गया है। इसके तहत 1450 किलोमीटर मार्ग विकसित किया जाएगा। राम वन गमन मार्ग के 23 प्रमुख धार्मिक स्थल विकसित होंगे। मान्यता है कि भगवान श्रीराम उज्जैन के रामघाट पर भी आए थे, लेकिन राम वन गमन पथ से उज्जैन छुट गया। इस कारण पंडितों ने मांग उठाई है कि रामघाट को भी शामिल किया जाना चाहिए।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को चित्रकूट में श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक में राम वन गमन पथ का रोडमैप तैयार किया गया है। मार्ग के सभी स्थलों का विकास करने का निर्णय लिया गया है। रोडमेप में चार रूट शामिल किए गए हैं। इसमें उज्जैन के रामघाट को शामिल न किए जाने से पंडे पुजारी निराश हैं। पंडित आनंद शर्मा लोटा गुरु ने बताया भगवान श्री राम वनवास काल में उज्जैन आए थे और उन्होंने पिता दशरथ का पिंडदान भी किया था। यह मान्यता पुराने समय से चलीं रही है। इस कारण न्यास को इस पर भी विचार करना चाहिए।
पिशाचमुक्तेश्वर महादेव

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मंदिर आए थे श्रीराम!

शिप्रा तट रामघाट पर पिशाचमुक्तेश्वर महादेव मंदिर 84 महादेव मंदिरों में से एक है। कहा जाता है, कि यह रामघाट का सबसे प्राचीन मंदिर है और इस घाट पर भगवान श्री रामचंद्र ने माता सीता जी के साथ शिप्रा नदी में स्नान करके महादेव जी का पूजन किया था। पिशाचमुक्तेश्वर शिवलिंग के दर्शन एवं जल चढ़ाने से, जो भी प्राणी रहता है। वह प्रेत योनि व अधोगति से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है। श्री राम जी ने राम घाट के किनारे भगवान शिव की पूजा की थी। इसलिए इस घाट को रामघाट के नाम से जाना जाता है।

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अभी ये रूट

1. पहला 168 किलोमीटर का रूट: सतना में सीता रसोई, आत्रि आश्रम, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिदधा पहाड़, रामसेल, पन्ना का बहस्पति कुंड।

2. 428 किलोमीटर का दूसरा रूट: बृहस्पति कुंड, सुतीक्ष्ण आश्रम, अगस्त्य आश्रम, सतना में रामजानकी मंदिर, उमरिया में मार्कडेय आश्रम, राम मंदिर, दशरथ घाट, शहडोल में सीतामढ़ी।

3. 378 किलोमीटर का तीसरा रूट: रामजानकी मंदिर से कटनी की सीमा में शिव मंदिर, जबलपुर में रामघाट, नर्मदापुरम में श्रीराम मंदिर पासी घाट, श्रीराम मंदिर माच्छा घाट।

4. 476 किलोमीटर का चौथा रूट: छत्तीसगढ़ के हरचैक से मप्र के शहडोल में सीतामढ़ी गंधिया, अनूपपुर में सीतामढ़ी कनवाई, अमरकंटक होते हुए जबलपुर में रामघाट, पिपरिया।

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