रैक उपलब्ध नहीं होने से अटकी सौगात…
उज्जैन। इंदौर-जबलपुर और इंदौर से जयपुर के बीच चलने वाली प्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को अभी ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है। रैक उपलब्ध नहीं होने से यह सौगात फिलहाल अटक गई है। उम्मीद है यह ट्रेन फरवरी के प्रथम सप्ताह में चलना प्रारंभ होगी।
रेलवे ने इंदौर से वंदे भारत एक्सप्रेस को इस माह में चलाने की पूरी तैयारी कर रखी थी। केवल दिन तय होना शेष था, लेकिन इस सौगात के लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा। जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में ही वंदे भारत चलाने की तैयारी थी, लेकिन रैक नहीं मिल सकी। इस कारण ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका। जनवरी के अंत या फरवरी में वंदे भारत की रैक मिलेगी। जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में ही वंदे भारत चलाने की तैयारी थी, लेकिन रैक नहीं मिल सकी। इस कारण ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका। फरवरी में वंदे भारत की रैक मिलेगी।
सभी मंडलों में वंदे भारत की योजना
रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना बनाई है। इनमें से ज्यादातर ट्रेनें वर्ष 2022 के अंत तक चलाई जानी थी। अब तक करीब पांच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा चुकी हैं और कुछ को चलाने लिए ट्रायल किए जा रहे हैं। बता दें कि जुलाई 2022 में रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों को रैक आवंटित किए थे। तब रतलाम रेल मंडल को भी दो रैक देने की घोषणा की थी।
200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो वंदे भारत एक्सप्रेस 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम है। वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक सीटिंग वाले हैं। अर्थात इसमें यात्री बैठकर आराम से सफर करते हैं। प्रत्येक मंडल में इन ट्रेनों को उन्हीं मार्गों पर चलाया जा रहा है, जहां का सफर सात से आठ घंटे में पूरा हो जाए।