विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक ‘बी++ ग्रेड’ में ही रहना होगा

By AV NEWS

विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक ‘बी++ ग्रेड’ में ही रहना होगा

रैकिंग रिव्यू का प्रावधान ही नहीं है…

नियमानुसार आईक्यूएसी के रिव्यू की अपील हो सकती है, नैक ग्रेड की नहीं

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय को नैक से बी++ ग्रेड मिलने के बाद दावा किया जा रहा था कि रैकिंग रिव्यू के लिए ४५ दिन के भीतर अपील की जाएगी। ऐसा कुछ नहीं हुआ। रिव्यू के लिए 45 दिन की समय सीमा पूरी हो चुकी है,लेकिन विवि प्रशासन नेअपील नहीं की। दरअसल नैक की ग्रेड़ को चुनौती देने का प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक बी++ ग्रेड में ही रहना होगा।

विक्रम विश्वविद्यालय को पिछले महीने अक्टूबर में नैक से मिली बी++ ग्रेड के बाद से ही विक्रम विश्वविद्यालय के जिम्मेदार एसएसआर (सेल्फ स्टेडी रिपोर्ट) में कमी रहने का हवाला देकर वापस अपील में जाने का दावा तो कर रहे थे। विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों ने नैक की ग्रेड में कमी होने पर अपने बचाव में कई तरह के तर्क दिए थे।

वहीं एसएसआर रिपोर्ट में खाली रहे कालम के लिए दस्तावेज की कार्रवाई कर रिव्यू (अपील) में जाने की बात कही थी। उपलब्धियों का बखान किया जा रहा था।

‘बी++ ग्रेड’, पूर्व की ग्रेड ‘ए’ के समकक्ष बताया यह स्पष्ट नहीं किया कि ‘बी’ और ‘ए’ में फर्क तो यह समकक्ष कैसे। विवि प्रशासन ने ग्रेड रिव्यू के लिए आवेदन नहीं किया है। रिव्यू करना नियमानुसार संभव भी नही था, क्योंकि नियम के तहत एसएसआर को लेकर रिव्यू की अपील हो सकती है। नैक मूल्याकंन के आधार पर ग्रेड जारी होने के बाद रिव्यू की अपील नहीं हो सकती।

एक वर्ष बाद ही आवेदन

नैक के मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए नियम निर्धारित है। ऐसे संस्थान जो अपनी प्रत्यायित स्थिति को बेहतर करना चाहते हैं, वे पिछले प्रत्यायन के कम-से-कम एक वर्ष बाद किन्तु तीन वर्षों से पहले पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं ।

मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए जिस नियमावली का पालन किया गया था उसी नियमावली का पालन पुनर्मूल्यांकन के लिए भी किया जाएगा । संस्थान को पिछले मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के समकक्ष टीम की रिपोर्ट के आधार पर किए गए विशेष सुधारों तथा अन्य विशेष जानकारी उपलब्ध करानी होगी। शुल्क संरचना मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के अनुसार ही होगी। ऐसे में यह तय है कि विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक ‘बी++ ग्रेड’ में ही रहना होगा

मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए जिस नियमावली का पालन किया गया था उसी नियमावली का पालन पुनर्मूल्यांकन के लिए भी किया जाएगा । संस्थान को पिछले मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के समकक्ष टीम की रिपोर्ट के आधार पर किए गए विशेष सुधारों तथा अन्य विशेष जानकारी उपलब्ध करानी होगी।

शुल्क संरचना मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के अनुसार ही होगी। ऐसे में यह तय है कि विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक ‘बी++ ग्रेड’ में ही रहना होगा शुल्क संरचना मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के अनुसार ही होगी। ऐसे में यह तय है कि विक्रम विश्वविद्यालय को नैक के अगले मूल्याकंन तक ‘बी++ ग्रेड’ में ही रहना होगा

इसलिए रिव्यू में नही जा रहे
विक्रम विश्वविद्यालय के लिए अक्टूबर में हुए नैक मूल्यांकन के बाद विश्वविद्यालय को मिले अंकों में कमी रह गई थी। रिव्यू में जाने की तैयारी भी थी, लेकिन जानकारों ने बताया कि नियमानुसार आईक्यूएसी के रिव्यू की अपील हो सकती है, नैक ग्रेड की नहीं।

इसके अलावा विक्रम को ‘ए’ ग्रेड के लिए जितने अंक चााहिए उसमें भी संदेह है। यह कमजोर पक्ष जानकर विश्वविद्यालय ने भी रिव्यू कराने से अपने पैर पीछे खींच लिए है। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने भी साफ कर दिया है कि विश्वविद्यालय रिव्यू में नही जा रहा है। रिव्यू में पैसा भी खर्च होगा और जो अंक चाहिए वे भी मिलना संभव नही है। अब एक बार फिर तैयारी कर वापस एक वर्ष बाद नैक मूल्यांकन कराएंगे।

आईक्यूएसी की टीम बदली

विश्वविद्यालय प्रशासन ने नैक मूल्यांकन के बाद विश्वविद्यालय की आईक्यूएसी (इंटरनल क्वालिटी असीसमेंट सेल) की टीम भी बदल दी है। पहले इस टीम में भू-विज्ञान अध्ययनशाला के आचार्य डॉ. पीके वर्मा निदेशक और रसायन अध्ययनशाला की आचार्य डॉ. उमा शर्मा को नोडल को-ऑर्डिनेटर के पद से मुक्त कर अब नई टीम में कम्प्युटर विज्ञान संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार सिंह को आईक्यूएसी का निदेशक और गणित अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी को नोडल को-ऑर्डिनेटर का अतिरिक्त प्रभार वर्तमान दायित्व के साथ-साथ दिया है। आईक्यूएसी सेल में विश्वविद्यालय की गुणवत्ता, गतिविधियों की योजना तैयार की जाती है।

Share This Article