रात 11 बजे निकलेगी महाकाल मंदिर से सवारी
उज्जैन।आज वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व उत्साह से मनाया जाएगा। वर्ष में एक बार रात में बाबा महाकाल की सवारी परंपरागत रूप से निकलेगी। अर्धरात्रि में हरि और हर का मिलन होगा जिसके साक्षी हजारों भक्त होंगे। इस दौरान आतिशबाजी भी की जाएगी। कल कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मोक्षदायिनी शिप्रा में होगा।
आज मध्यरात्रि 12 बजे त्रयोदशी और चतुर्दशी के महासंयोग में सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में हरि हर मिलन होगा। हर (भगवान महाकाल) हरि (गोपालजी) को पुन: सृष्टि का भार सौपेंगे। हरि हर मिलन के लिए आज रात 11 बजे शाही ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी।
रजत पालकी में सवार होकर बाबा महाकाल बड़े गोपाल मंंदिर पहुंचेंगे। मान्यता अनुसार चातुर्मास के दौरान जब भगवान विष्णु शयन मुद्रा में होते हैं तक सृष्टि का भार भगवान शिव संभालते हैं। देव प्रबोधिनी एकादशी पर विष्णु योग निद्रा से जाग्रत होते हैं। तो शिव सृष्टि का भार वापस सौंपते हैं। इस परंपरा का निर्वाह भव्य रूप से होता है।
इस तरह होगा हरि और हर का मिलन
रविवार मध्य रात्रि को गोपाल मंदिर में सृष्टि के भार का आदान-प्रदान होगा। भगवान शिव की ओर से भगवान श्रीकृष्ण को बिल्वपत्र की माला अर्पित की जाएगी जबकि भगवान कृष्ण की ओर से शिवजी को तुलसी की माला भेंट की ्रजाएगी। कोरोना प्रोटोकाल की वजह से सवारी धूमधाम से नहीं निकाली जा सकी थी। इस बार उत्साह के साथ सवारी निकाली जाएगी। हरिहर मिलन सवारी के दौरान आतिशबाजी के साथ हिंगोट भी चलाए जाते है। प्रशासन ने इन पर प्रतिबंध लगाया हैं।
आतिशबाजी और हिंगोट चलाने पर प्रतिबंध
हरिहर मिलन सवारी के दौरान आतिशबाजी और ङ्क्षहगोट चलाए जाते हैं। इस पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। इस संबंध में एडीएम संतोष टैगोर ने आमजन के जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से हरिहर मिलन के दौरान समस्त प्रकार की आतिशबाजी और हिंगोट चलाने पर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं।