वैकुंठ चतुर्दशी पर 25 रात में हरि का हर से मिलन

कार्तिक-अगहन में भगवान महाकाल की सवारी कल

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण-भादो मास के बाद अब कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा को दर्शन देने आएंगे। इस बार चार सवारी निकलेगी। पहली सवारी कल सोमवार २० नवंबर को निकलेगी। एक सवारी आधी रात को हरिहर मिलन की होगी।

महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रावण-भादो माह के बाद कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी निकालने का क्रम में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से प्रारंभ होता है। इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष में पहला सोमवार 20 नवंबर को रहेगा। इस दिन से सवारी निकालने की शुरुआत होगी। कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी का समय शाम 4 बजे का ही रहेगा। चार सवारी महाकाल मंदिर से शुरु होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पूजन पश्चात सवारी का मार्ग रामानुजकोट के बजाया शिप्रा के किनारे से छोटी रपट के पास से होते हुए गणगौर दरवाजा से निकलकर नगर प्रवेश करेगी।

आधी रात में होगी हरि से हर की भेंट

वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान महाकाल की सवारी रात को निकलती है। 25 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर रात 11 बजे हरि हर भेंट की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होगी। कहा जाता है कि भगवान महाकाल श्री हरि को सृष्टि का भार सौंपने के लिए गोपाल मंदिर तक जाते है। यहां पर हरि और हर का मिलन मध्यरात्रि 12 बजे होगा। गोपाल मंदिर पर पूजा अर्चना के बाद देर रात को भगवान महाकाल की सवारी पुन: महाकाल मंदिर के लिए रवाना होगी।

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