10 साल के लिए पीपीपी मोड पर देकर हाईटेक सुविधाओं का प्लान
ठेके से निगम को होगी आय
उज्जैन। शहर में मुख्य रूप से दो बस स्टैंड, पं. दीनदयाल बस स्टैंड नानाखेड़ा व शहीद राजाभाऊ महाकाल बस स्टैंड देवासगेट है। वर्तमान में इनका संचालन पुराने ढर्रे पर ही हो रहा है। यात्रियों को भी कोई विशेष सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। नगर निगम ने अब इन बस स्टैंड को ठेके पर देने की तैयारी कर रहा है। पीपीपी मोड पर विकास कर इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बनाकर हाईटेक सुविधाओं का प्लान बनाया गया है।
नगर निगम ने करीब 15 साल पहले भी दोनों बस स्टैंडों को हाईटेक सुविधाओं से लेस करने का प्लान बनाया था। इसके बाद इनका संचालन ठेके पर भी देने की योजना थी। एक बार फिर बस स्टैंडों को आईएसबीटी आईएसबीटी बनाने के प्लान की फाईल की धूल झाडी है। योजना में नगर निगम दोनों बस स्टैंड का पीपीपी मोड पर विकास कर बसों से पार्किंग शुल्क वसूलेगी।
निगम को होगी आय- निगम पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर आइएसबीटी विकसित करेगा। इसमें अनुबंधित कंपनी को बसों की पार्किंग, विज्ञापन आदि से होने वाली आय का 15 प्रतिशत से अधिक हिस्सा निगम को राजस्व के रूप में देना होगा। जो कंपनी जितना अधिक हिस्सा देने का प्रस्ताव रखेगी, उसे ठेका दिया जाएगा। यह ठेका 10 वर्ष के लिए होगा।
कंपनी को यात्री सुविधाएं विकसित करने के साथ ही बस टर्मिनल के संधारण व संचालन करने का जिम्मा रहेगा।
टर्मिनल में यह सुविधाएं रहेंगी…
- ऑनलाइन सिस्टम विकसित होगा।
- कंट्रोल कमांड सेंटर।
- 24 घंटे सर्विलांस एंड सिक्युरिटी।
- सूचना प्रोद्यौगिकी प्रणाली रहेगी।
- ऑनलाइन टिकिट बुक करवा सकेंगे।
- कम्प्युटराइज्ड व ऑटोमेटिक पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम।
- वेटिंग रूम।
- पसिर में एलइडी स्क्रीन और साउंड सिस्टम जिन से पब्लिक इन्फोर्मेशन सिस्टम रहेगा।
- सुविधाघर, महिलाओं के लिए शी-लाउंज।
- हेल्प डेस्क, व पूछताछ केंद्र।
- अन्य दो पहिया-चार पहियां वाहनों की भी ई-पार्किंग सुविधा।
- बिजली खर्च कम करने सोलर पैनल रहेंगे।
- बिना शुल्क बस अंदर नहीं आ सकेगी
- प्रति बस प्रति दिन 50 रुपए का पार्किंग शुल्क चुकाना होगा।
- ऑटोमेटिक बूम बेरियर रहेगा।
- पार्किंग शुल्क चुकाने पर ही बस टर्मिनल में आ सकेगी।
बड़े शहरों की तर्ज पर विकास
प्रदेश कुछ बड़े शहरों की तर्ज पर पं. दीनदयाल बस स्टैंड नानाखेड़ा व शहीद राजाभाऊ महाकाल बस स्टैंड देवासगेटभी आइएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) के रूप में विकसित होंगे। यहां यात्रियों को ई-टिकटिंग, शी-लाउंज, स्वच्छ वेटिंग रूम, पब्लिक इन्फोर्मेशन सिस्टम, फूड जोन जैसी सुविधा मिलेंगी। यही नहीं बसों की पार्किंग व्यवस्था भी पूरी तरह कम्प्युटराइज्ड रहेगी।
हाल ही में निगम परिषद इस प्रस्ताव को वैधानिक स्थिति परीक्षण के साथ स्वीकृति भी दे चुकी है। पीपीपी मोड पर योजना तैयार कर ली है और जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा। बता दें कि पहले भी दोनों ही बस स्टैण्डों का संचालन निजी हाथों में देने की कोशिश हो चुकी है। लेकिन निगम को सफलता नहीं मिली।