शिक्षक दिखा रहे बायोमैट्रिक्स सिस्टम को ‘अंगूठा’

By AV NEWS

संभागभर के अधिकांश सरकारी कॉलेजों में अटेंडेंस को लेकर स्टाफ की मनमानी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में शिक्षकों की अटेंडेंस को प्रमाणित तौर पर दर्ज करने के लिए बायोमैट्रिक्स सिस्टम का उपयोग करने की अनिवार्यता कर रखी है। कॉलेजों में इसकी मशीनें भी है। सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों द्वारा इस सिस्टम को अंगूठा दिखाया जा रहा है। यानी बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस दर्ज नहीं की जा रही है।

उच्च शिक्षा विभाग सरकारी कॉलेज में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक्स मशीन को लागू किया गया था। यह व्यवस्था लागू हुए कई वर्ष बीत चुके हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने एक वर्ष पूर्व आदेश जारी कर सभी कॉलेजों में बायोमैट्रिक्स मशीन से उपस्थिति लगाने के सख्त निर्देश दिए थे। आदेश का पालन प्रतिवेदन भी मांगा था, लेकिन विभाग के इतने प्रयास के बाद भी कॉलेजों में बायोमैट्रिक्स मशीन से उपस्थिति लगने के काम में लापरवाही हो रही है।

कॉलेजों में मशीन लगाई गई, लेकिन वह आए दिन अलग-अलग कारणों से बंद रहती है। वहीं विभाग के अतिथि विद्वानों द्वारा भी मशीन से उपस्थिति लगाने के मामले में लापरवाही की जा रही है। एक आरटीआई में पता चला है कि उज्जैन के एक अनुदान प्राप्त कॉलेज, देवास के 13 कॉलेज और मंदसौर-शाजापुर के छह-छह शासकीय कॉलेजों में अतिथि विद्वानों की उपस्थिति बायोमैट्रिक्स मशीन पर नहीं लग रही है।

यह जानकारी सामने आने के बाद अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा कार्यालय उज्जैन से लेकर उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद कॉलेजों को मौखिक तौर पर बायोमैट्रिक्स मशीन से अटेंडेंस लगाने का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग एक बार फिर जल्द नया आदेश जारी करने की तैयारी में है।

ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार सामने आ रहीं शिकायत

उज्जैन संभाग के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार जानकारी सामने आ रही थी कि कॉलेजों में पदस्थ अतिथि विद्वान शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। यह अपने मनमाने तरीके से कॉलेज आते हैं। कई दिनों तक कॉलेज आए बिना भी काम चल जाता है। ऐसी स्थिति में लगातार बायोमैट्रिक्स मशीन से उपस्थिति लगाने की मांग उठ रही थी। बता दें कि उज्जैन जिले के कॉलेजों में बायोमैट्रिक्स मशीन लगी जरूर है, लेकिन यह समय-समय पर खराब हो जाती है। शहर के सबसे प्रमुख माधव साइंस कॉलेज में भी बीते एक वर्ष में कई बार मशीन खराब हो चुकी है। मशीन खराब होने के बाद उसे सुधारने का प्रयास की नहीं किया जाता है।

शहर के कॉलेजों में अंगूठा लगाकर चले जाते

उज्जैन शहर के प्रमुख कॉलेजों में भी प्रोफेसरों की उपस्थिति के मामले में मनमानी जारी है। यहां मशीन लगी है, लेकिन उपस्थिति रजिस्टर पर दर्ज होती है। ऐसा कब किया जाता है इसकी जानकारी किसी को नहीं रहती है। दूसरी तरफ ऐसी भी शिकायत सामने आ रही है कि कॉलेजों के आसपास रहने वाले शिक्षक सुबह अंगूठा लगाकर चले जाते हंै फिर दोपहर बाद अंगूठा लगाने आ जाते हैं। बीच के समय में यह लोग अपने व्यक्तिगत काम पूरा कर लेते हंै।

आधार से जुड़ी मशीन बेहद कम

शासन के निर्देश के बाद सरकारी कॉलेजों में बायोमैट्रिक्स मशीन लगा दी गई। इन मशीनों को स्टॉफ के आधार कार्ड नंबर से भी जोडऩा था, लेकिन आधार नंबर से जुड़ी मशीनों की संख्या बेहद कम है। उज्जैन जिले के 12 सरकारी कॉलेजों में 17 मशीन लगी हुई है। इसमें आधार वाली मशीन एक ही है। आगर के छह कॉलेजों में 9 मशीन है। इसमें दो आधार वाली है। इसी तरह की स्थिति रतलाम के 16 कॉलेजों में 51 मशीन है। एक भी आधार से जुड़ी नहीं है। मंदसौर के 10 कॉलेजों में चार सामान्य और छह आधार वाली मशीन है। देवास में 17 मशीन में से 2 आधार से जुड़ी है।

बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस के लिए सभी कॉलेजों को निर्देशित किया जा रहा है। इसका पालन नहीं होने पर उच्च शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाएगा।-डॉ.एचएल अनिजवाल, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा उज्जैन संभाग।

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