श्रावण मास: कावडिय़ों के समूहों को शहर में नहीं मिलेगा प्रवेश…

कोविड गाइड लाइन के तहत प्रतिबंध लागू

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उज्जैन।कोविड गाइड लाइन के तहत धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन पर पूर्णत: प्रतिबंध हैं। ऐसे में सावन मास में कावड यात्रा और बाहर से आने वाले कावडिय़ों के प्रवेश पर रोक रहेगी। सावन मास में भगवान महाकाल की आराधना का विशेष महत्व रहता है। इस माह में बडी संख्या में भगवान महाकाल के जलाभिषेक के लिए कावडियों के समूहों का आगमन होता हैं। कोविड गाइडलाइन के अनुसार ऐसे आयोजन जिसमें जन समूह एकत्र होता हैं, उन पर रोक लगी हैं। प्रतिबंधित आयोजनों में धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मंनोरंजन शामिल हैं। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी के मुताबिक प्रशासन कोविड गाईड लाइन का पालन करेंगा।

जलाभिषेक पर अभी निर्णय नहीं

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कोरोना के कारण पिछले साल महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल का अभिषेक करने की अनुमति नहीं दी गई थी। गर्भगृह के बाहर इसके लिए जलपात्र लगाया गया था। फिलहाल इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ हैं। माना जा रहा हैं संभवत इस बार भी गत वर्ष अनुसार व्यवस्था होगी। 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। जलाभिषेक व्यवस्था को लेकर फैसला अब मंदिर समिति की बैठक में हो सकेगा। इधर पंचांग के अनुसार 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है। सावन मास में भगवान महाकाल की आराधना का विशेष महत्व रहता है।

हर साल सावन महीने में कोरोना से पहले लाखों श्रद्धालु और कावड़ यात्री भगवान महाकाल के दर्शन करने तथा सावन-भादौ मास में निकलने वाली प्रत्येक सोमवार सवारियों में शामिल होते रहे हैं। पिछले साल से कोरोना महामारी आने के कारण ऐसे आयोजनों पर प्रतिबंध लगे हुए है। इधर महाकाल मंदिर समिति में सावन मास की तैयारियां शुरू हो गई है, लेकिन श्रद्धालुओं को किस तरह, कितनी संख्या में प्रवेश दिया जाएगा? गर्भगृह में जाकर अभिषेक की अनुमति दी जाए या नहीं? इस पर फैसला आगामी दिनों में ही हो पाएगा।

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