सम्मेदशिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज ने मौन जुलूस निकालकर दिया ज्ञापन…

उज्जैन। श्री सम्मेदशिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में रविवार सुबह जैन समाज ने मौन जुलूस निकाला। इसके बाद प्रशासन को आर्यिका पूर्णमति माताजी के सानिध्य में ज्ञापन सौंपा गया। जुलूस में बड़ी संख्या में जैन समाजजन शामिल हुए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों के मोक्षस्थल श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज गिरिडीह (झारखंड) की पहचान, पवित्रता और सरंक्षण हेतु रविवार को सभी जैन संगठनों द्वारा आयोजित देशव्यापी श्री सम्मेद शिखरजी बचाओ आंदोलन के समर्थन में मौन जुलूस निकालकर पूर्णमति माताजी के सानिध्य में ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में माध्यम से मांग की गई है कि पारसनाथ पर्वतराज को पर्यटन/धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए। तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना को रद्द किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज और मधुवन को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाए। पर्वतराज से पेड़ों की अवैध कटाई, पत्थरों को अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो।