सर्वार्थ सिद्धि योग में करें भगवान गणेश को प्रसन्न, जानें पूजा विधि और मुहूर्त

हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. भादो के चौथ का व्रत माताएं अपनी संतान की सलामती और उनकी लंबी उम्र के लिए करती हैं. व्रती महिलाएं भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा करतीं हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.

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मुहूर्त

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 02 सितंबर 2023 दिन शनिवार की रात 8 बजकर 49 मिनट पर होगी. वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 03 सितंबर 2023 दिन रविवार की शाम 6 बजकर 24 मिनट पर होगी. उदया तिथि होने की वजह से संकष्टी चतुर्थी व्रत 3 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी और बहुला चतुर्थी का व्रत 03 सितंबर 2023 दिन को रखा जाएगा. इस खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूजा के लिए बेहद ही अच्छा माना जा रहा है.

भाद्रपद चतुर्थी व्रत पूजा विधि

– भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.

– अब अपने घर में अगर मंदिर हैं तो उसमें भगवान गणेश के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें.

– शाम के समय भगवान गणेश, भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की उपासना करें.

– चंद्रोदय के समय एक लोटे में दूध भरकर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें, और चंद्र ग्रह का बीज मंत्र जपें – ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:। ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।

– इस दिन बहुला चतुर्थी व्रत कथा का पाठ जरूर करें.

– अंत में भगवान गणेश और गौ माता की आरती के साथ पूजा संपन्न करें.

भाद्रपद मास चतुर्थी 2023 महत्व

भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है, जो हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए प्रसन्न होने में मदद करते हैं. इस व्रत को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. व्रत के दौरान, भक्त गणेश जी की पूजा, व्रत कथा सुनना और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को आत्मिक और मानसिक शुद्धि प्रदान करता है और उन्हें गणेश जी के आशीर्वाद दिलाता है.

हिन्दू धर्म में इसे हेरंब संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा, व्रत कथा का पाठ और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को संकटों से मुक्ति, सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद करता है. इसका महत्व भक्तों के जीवन में आनंद और शांति का संचार करने में है.

बहुला चतुर्थी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और उसकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है. इस व्रत को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. व्रत के दौरान, भक्त विष्णु जी की पूजा, व्रत कथा सुनना और व्रत के नियमों का पालन करते हैं. यह व्रत भक्तों को आत्मिक और मानसिक शुद्धि प्रदान करता है और उन्हें विष्णु जी के आशीर्वाद दिलाता है. इस दिन अगर आप गाय की पूजा करते हैं तो आपको इससे विशेष लाभ मिलते हैं. जीवन की सारी परेशानियां मात्र इस एक दिन गाय की सेवा से दूर होती हैं.

अब आप किस व्रत का पालन करते हैं ये आपकी धार्मिक परंपरा पर निर्भर करता है. नाम अनेक हैं लेकिन इनसे मिलने वाले लाभ एक ही हैं. तो आप अपनी श्रद्धा और परंपरा के अनुसार भाद्रपद की चतुर्थी तिथि के दिन पूजा अर्चना करें, व्रत रखें और नियमों का पालन करें.

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