सिविल सर्जन ने काम रूकवाया बोले-क्या चल रहा यह तो बताओ ?

जिला अस्पताल की आयसीयू में भ्रष्टाचार की आशंका…!

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सिविल सर्जन ने काम रूकवाया बोले-क्या चल रहा यह तो बताओ ?

उज्जैन।जिला अस्पताल की आयसीयू अभी तक बनकर तैयार नहीं हुई है। यहां भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सिविल सर्जन भी कहीं न कहीं इस बात का संकेत दे रहे हैं। उनके अनुसार जो सामान निकाला गया, उसमें से भी उपयोग कर लिया गया। यह नई आयसीयू बनाने का ठेका है या मरम्मत का काम चल रहा है, पता नहीं। उन्होंने शनिवार से काम रूकवा दिया है। जब तक इंजीनियर बात करने नहीं आते, काम रूका रहेगा।

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जिला अस्पताल की आयसीयू को सितंबर माह में बंद कर दिया गया था। यह कहा गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,भोपाल के द्वारा इसका जीर्णोद्वार किया जा रहा है/नया आयसीयू बनाया जा रहा है। उस समय यहां की आयसीयू के मरीज शासकीय माधवनगर की आयसीयू में शिफ्ट कर दिए गए। माह दर माह बीतते गए। चार माह बाद अब जनवरी माह आ गया, लेकिन आयसीयू का काम जस का तस धरा हुआ है।

27 दिसंबर, 22 को यह कहा था सिविल सर्जन ने

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सिविल सर्जन डॉ.पी.एन. वर्मा ने 27 दिसंबर को इसी विषय पर चर्चा करने पर अक्षरविश्व से कहा था कि- आयसीयू के जीर्णोद्वार का जब स्टीमेट बनाया गया तो टेक्निशियन ने यह नहीं बताया कि छत बहुत खराब हो गई है और उसे सबसे पहले ठीक करना होगा। इसके कारण काम में देरी हुई। अभी बहुत सारा काम बाकी है। भोपाल से जो राशि सेंशन हुई थी, वह वहीं हटकी हुई है। रुपए के अभाव में ठेकेदार ने काम बंद सा कर दिया है। जब भोपाल से आवंटन आएगा, काम में तेजी आएगी। तब तक शासकीय माधवनगर की आयसीयू से काम चला लेंगे।

यह है अंदर के हालात….आयसीयू में शौचालय/बाथरूम वैसे ही गंदे पड़े हैं। फर्श पर पुरानी टाइल लगी है। दीवारों पर भी पुरानी टाइलें लगा दी गई है,जो रंग-बिरंगी है। मानों इधर-उधर की लगा दी हो। छत पर जो फाल्स सिलिंग लगाई है, उसकी गुणवत्ता पर तो अस्पताल के कर्मचारी ही अंगुली उठा रहे हैं। अब यह चर्चा जोरों पर है कि इस आयसीयू को बनाने में जमकर भ्रष्ट्रचार हो रहा है। कोई देखने वाला नहीं है।

इनका कहना है

इस संबंध में चर्चा करने पर सिविल सर्जन डॉ.पी.एन. वर्मा ने कहा-जो सामान निकाला गया, उसमें से भी उपयोग कर लिया गया। यह नई आयसीयू बनाने का ठेका है या मरम्मत का काम चल रहा है, पता नहीं। गुणवत्ता का अभाव, अपने हिसाब से काम करना, कुछ पूछो तो जवाब नहीं देना।

ऐसे हालात के बीच उन्होने शनिवार से काम रूकवा दिया है। जब तक इंजीनियर बात करने नहीं आते, काम रूका रहेगा। इसकी राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल से स्वीकृत हुई थी। हमें नहीं बताया गया कि कौन, कैसे, कब तक काम करेगा। लेकिन अब पूछना ही पड़ेगा। इसीलिए ठेकेदार को बुलवाया गया है। जब वह आएगा, तभी काम शुरू होगा।

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