ग्रीन एनर्जी सिटी बन रहा हमारा शहर
अब निगम मुख्यालय और झोन कार्यालयों पर भी सोलर प्लांट लगाने की तैयारी
उज्जैन। श्री महाकाल लोक सूर्य की ऊर्जा से रोशन हो रहा है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को बिजली के खर्च की भारी बचत भी हो रही है। अब महाकाल लोक की तर्ज पर बिजली की बढ़ती हुई खपत को कम करने के लिए शहर के कई प्रशासनिक भवनों पर सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित कर बिजली की बचत की जाने की तैयारी है। जल्द ही नगर निगम मुख्यालय और झोन कार्यालयों के दफ्तर भी सोलर एनर्जी की दूधिया रोशनी से चकाचौंध नजर आएंगे।
बता दें कि देश भर में ख्याति प्राप्त कर रहा महाकाल लोक सूर्य की किरणों से रोशन हो रहा है। महाकाल लोक पार्किंग में 400 किलो वॉट का सयंत्र लगा है। उक्त सोलर प्लांट की लागत 1.69 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इससे प्रतिमाह 3.50 लाख रुपए तक बिजली की बचत हो रही है। सयंत्र की उम्र 25 वर्ष है। अनुमान है कि इसकी लागत पर लगा खर्च 4 साल में निकल जाएगा।
महाकाल लोक पार्किंग में लगे सोलर पैनल से बन रही विद्युत ऊर्जा का उपयोग शाम के समय महाकाल लोक परिसर में जलने वाली आकर्षक लाइटिंग में किया जा रहा हैं। साथ ही शुद्ध पानी के लिए आरओ प्लांट, परिसर में पौधों में पानी के लिए भी सौर ऊर्जा से बनी बिजली का उपयोग किया जाता है।
स्मार्ट सिटी अधिकारी पलाश शर्मा ने बताया कि सयंत्र लगाने का उद्देश्य ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही बिजली पर होने वाले खर्च से भी निजात मिलेगी। निगम मुख्यालय और छ: झोन कार्यालयों की छत को मिला कर करीब 600 केवी बिजली उत्पादन किया जा सकता है। इस आधार पर डीपीआर तैयार की जा रही है। सर्वे के बाद वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
यहां भी सोलर संयंत्र
महाकाल मंदिर समिति के मंदिर परिसर स्थित भवनों पर हर महीने 1.14 लाख रुपए की बिजली बनाई जा रही है। इसके अलावा सिंहस्थ मेला कार्यालय की छत पर भी 100 केवी का प्लांट लगा है। समिति के चिंतामन स्थित भवन पर 80 केवी का संयंत्र चल रहा है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के स्कूल भवन नूतन और गणेश नगर के भवनों पर भी 200-200 केवी के संयंत्र लगाए गए है।